"नेता जी" के घरवाले क्यों नहीं चाहते कि उनको मिले "भारत रत्न"?
नेताजी के परनाती एवं तृणमूल सांसद सुगत बोस ने कहा कि दलीय राजनीति से नेताजी को कृपया कर के अलग रखा जाए। उनका दर्जा भारत रत्न से कहीं बड़ा है। वे बोले '' राजीव गांधी के बाद नेताजी को भारत रत्न कैसे दिया जा सकता है? इतिहास बोध वाला कोई भी शख्स मुझसे सहमत होगा।''
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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रहे और नेताजी की जीवनी लिख चुके बोस ने हैरत जताई कि कैसे उन्हें भारत रत्न दिया जा सकता है जब उनसे पहले 43 लोगों को इस सम्मान से पहले ही नवाज़ा जा चुका है।
क्या-क्या कहा गया-
- बोस बोले कि नेताजी वर्ष 1945 से ही लापता हैं। जब आप उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करेंगे आपको यह कहना होगा कि उनकी मौत कब हुई, लेकिन सबूत कहां हैं? उन्हें सम्मानित करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका उन सरकारी फाइलों को सार्वजनिक किया जाना है जिससे उनके लापता होने के पीछे की सच्चाई उजागर हो।
- नेताजी के परिवार के सदस्यों और ‘ओपन प्लेटफॉर्म फॉर नेताजी' ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नेताजी के लापता होने की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश के मार्गनिर्देश में एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की गई थी।
आज
भी
दुखद
है
यह
रहस्य-
वह
1945
में
लापता
हो
गए
थे
जो
कि
भारत
का
सबसे
चर्चित
रहस्य
बना
हुआ
है।
मुखर्जी
आयोग
ने
उनके
लापता
होने
की
जांच
की
थी
और
इस
विचार
को
खारिज
कर
दिया
था
कि
ताईवान
में
18
अगस्त
1945
को
एक
विमान
दुर्घटना
में
उनकी
मौत
हुई
थी।
हालांकि
अब
आगे
की
तस्वीर
वक्त
के
साथ
ही
उभर
कर
सामने
आएगी।