राष्ट्रपति कोविंद और PM मोदी आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन को करेंगे संबोधित
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुद्दे पर राज्यपालों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे। इस बारे में जानकारी खुद पीएम मोदी ने रविवार को Tweet करके दी थी। उन्होंने Twitter पर लिखा था कि सोमवार सुबह 10.30 पर मैं, राष्ट्रपति जी, राज्यपालों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और इसके प्रभाव पर एक सम्मेलन में भाग लूंगा। इस सम्मेलन में होने वाला विचार-विमर्श भारत को ज्ञान का केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों को मजबूत करेगा।
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इस सम्मेलन में राष्ट्रपति और पीएम के अलावा सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इक्कीसवीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसे स्कूल और उच्च शिक्षा स्तर दोनों को सुधारने के लिए लाया गया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी।
देश के विकास के लिए शिक्षा नीति में बदलाव जरूरी था: पीएम मोदी
इससे पहले अगस्त के महीने में शिक्षा नीति पर एक ई-कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि तीन-चार साल के विचार-मंथन के बाद नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिली है, इस नीति का कोई विरोध नहीं कर रहा है, क्योंकि इसमें कुछ भी एक तरफा नहीं है। हमारा एजुकेशन सिस्टम वर्षों से पुराने ढर्रे पर चल रहा था जिसके कारण नई सोच, नई ऊर्जा को बढ़ावा नहीं मिल सका था, हमारे एजुकेशन सिस्टम में लंबे समय से बड़े बदलाव नहीं हो रहे थे जिसके कारण नई सोच और सृजनता की जगह भेड़चाल को ही प्रोत्साहन मिलने रही थी जो कि सही नहीं था क्योंकि इससे स्वर्णिम भविष्य का निर्माण संभव नहीं था, पीएम ने कहा कि लोगों को बीच कभी डॉक्टर, कभी वकील, कभी इंजीनियर बनाने की होड़ लगी थी, दिलचस्पी, क्षमता और मांग की मैपिंग के बिना इस होड़ से छात्रों को बाहर निकालना जरूरी था, इस वजह से शिक्षा नीति में बदलाव जरूरी था।
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