मोदी की मिदनापुर रैली में पंडाल गिरा, 67 जख्मी, घायलों से मिलने पहुंचे पीएम
मोदी मिदनापुर रैली में पंडाल गिरा, 22 लोग जख्मी, घायलों से मिलने पहुंचे पीएम
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के वेस्ट मिदनापुर में पीएम मोदी जिस वक्त किसान रैली को संबोधित कर रहे थे तभी उनकी सभा के एक हिस्से में पंडाल गिर गया। पंडाल गिर जाने से अफरा-तफरी मच गई। इसमें 67 लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को मिदनापुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। अपनी रैली के बाद मोदी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे और जख्मी हुए लोगों से मिल उनका हालचाल जाना, घायल महिला को हिम्मत वाली बताते हुए उन्होंने जल्द ठीक हो जाने की बात कही। पंडाल उस वक्त गिरा जब मोदी भाषण दे रहे थे, मोदी ने तभी अपने सुरक्षा में लगे एसपीजी के जवानों को भी जाकर घायलों की मदद करने को कहा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हादसे पर दुख जताया है और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से घायलों के इलाज के लिए हर संभव मदद की बात कही है।
रैली में भाजपा को बताया किसान हितैषी
इससे पहले मिदनापुर में किसान रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों के साथ दूसरी सरकारों ने सिर्फ छल किया लेकिन उनकी सरकार ने सही मायनों में किसानों के लिए काम किया है। मोदी ने कहा कि किसानों को एमएसपी सही मिले इसके लिए किसान मांग करते रहे, आन्दोलन करते रहे लेकिन दिल्ली में बैठी सरकार ने किसानों की एक न सुनी। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने किसानों को डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का निर्णय लिया गया।
तृणमूल भी कर रही हमारा स्वागत: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता और गांव हमारे देश की आत्मा हैं। कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता। अगर देश का किसान उपेक्षित हों तो कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पड़ी, ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है।
पश्चिम बंगाल की हालत और बदतर
मोदी ने कहा, 'मां-माटी-मानुष की बात करने वालों का पिछले आठ साल में असली चेहरा, उनका सिंडिकेट सामने आ चुका है। सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है। बंगाल में नई कंपनी खोलनी हो, नए अस्पताल खोलने हों, नए स्कूल खोलने हों, नई सड़क बनानी हो, बिना सिंडिकेट को चढ़ावा दिए, उसकी स्वीकृति लिए, कुछ भी नहीं हो सकता। दशकों के वामपंथी शासन ने पश्चिम बंगाल को जिस हाल में पहुंचाया, आज बंगाल की हालात उससे भी बदतर होती जा रही है।'
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