आगामी विधानसभा चुनाव में नमो एप निभाएगा अहम भूमिका
नई दिल्ली। तमाम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग तरह के प्रयोग के लिए जानी जाती है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए जाने जाते हैं और वह चुनाव प्रचार के लिए अलग-अलग आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। भाजपा के भीतर टिकटों के बंटवारे में नमो एप की भूमिका काफी अहम रहती है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में होने वाले चुनावों में नमो एप काफी अहम भूमिका निभा सकता है।
नमो एप की भूमिका अहम
भाजपा ने छत्तीसगढ़ चुनावों में 77 टिकटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है, जबकि 14 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है। माना जा रहा है कि अगले चरण में कई मौजूदा विधायकों का भी टिकट कट सकता है। दरअसल भाजपा तमाम अलग-अलग राज्यों में उम्मीदवारों को यह संदेश देना चाहती है कि अगर आपके संसदीय क्षेत्र में आपकी छवि खराब है तो आपको भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। कई मौजूदा विधायकों और सांसदों पर इसकी गाज गिर सकती है। मध्य प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ताओं के महाकुंभ में खुद अमित शाह ने साफ किया था कि नमो एप के जरिए आप लोग सीधे प्रधानमंत्री से संपर्क कर सकते हैं।
कई मौजूदा विधायक पर लटकी तलवार
भाजपा के सूत्रों ने वनइंडिया को बताया कि पार्टी नमो एप के जरिए लोगों के सुझाव हासिल कर रही है। आम जनता से लेकर, पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी नमो एप पर अपना सुझाव दे रहे हैं। ऐसे में नमो एप आगामी समय में टिकटों के बंटवारे में काफी अहम भूमिका निभा सकता है। मध्य प्रदेश में भाजपा के पास कुल 165 विधायक हैं। यहां पार्टी मौजूदा 70 विधायकों का टिकट कट सकता है। प्रदेश में भाजपा नेताओं की नाराजगी को देखते हुए कई भाजपा नेताओं के टिकट कट सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरे को भी शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि 2013 में भाजपा ने 25 मौजूदा विधायकों के टिकट को काट दिया था। लेकिन इस बार माना जा रहा है कि इस बार कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
राजस्थान में कट सकते हैं कई टिकट
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में पार्टी की स्थिति और खराब है। पार्टी के भीतर आंतरिक सर्वे के अनुसार 137 सीटों पर विधायकों के नाम को बी और सी कैटेगरी में रखा गया है। इन सीटों पर भी भाजपा नए चेहरों को जगह दे सकती है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में अधिकतर मंत्री की सीट खतरे में है। आपको बता दें कि 2013 में भाजपा ने प्रदेश में 125 नए चेहरों को शामिल किया था, जिसमे से 95 सीटों पर भाजपा को जीत दर्ज मिली थी। राजस्थान में पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने कहा टिकटों का बंटवारा काफी चौंकाने वाला होगा।
पारंपरिक वोट खतरे में
भाजपा राजस्थान में अपने पारंपरिक मतदाताओं के गुस्से का सामना कर रही है, यहां घनश्याम तिवारी ने भारत वाहिनी पार्टी की शुरुआत की है, जिसमे कांग्रेस नेता मानवेंद्र सिंह भी शामिल हो गए हैं। पार्टी यहां गुज्जरों की नाराजगी को कम करने की कोशिश कर रही है। भाजपा को ना सिर्फ ना सिर्फ राजस्थान बल्कि मध्य प्रदेश में भी पार्टी को एससी और एसटी एक्ट में बदलाव की वजह से लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।
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