नगरोटा आतंकी हमला: आर्मी अफसरों की पत्नियों ने भी दिखाई 'बहादुरी', जानिए कैसे
आतंकी चाहते थे कि वो यहां रह रहे सैनिकों के परिवारों को बंधक बना सकें। लेकिन अपने नवजात बच्चों के साथ फैमिली क्वार्टर में रह रहीं दो महिलाओं की बहादुरी ने चलते आतंकियों के मंसूबे पर पानी फिर गया।
नई
दिल्ली।
जम्मू
के
नगरोटा
में
हुए
आतंकी
हमले
को
जिस
तरह
भारतीय
सेना
के
जवानों
नाकाम
कर
दिया
वहीं
दो
आर्मी
अफसरों
की
पत्नियों
ने
भी
बहादुरी
दिखाई।
जी
हां
इन
महिलाओं
की
बदौलत
ही
बंधक
संकट
और
भयानक
रूप
नहीं
ले
सका।
आपको
बता
दें
कि
इस
बड़े
आतंकी
हमले
में
दो
अफसरों
सहित
7
जवान
शहीद
हो
गए।
सेना
ने
हमला
करने
वाले
तीनों
आतंकियों
को
भी
मार
गिराया
है।
क्या
किया
जाबाज
अफसरों
की
बहादुर
पत्नियों
ने
पुलिस
की
वर्दी
में
हथियारों
से
लैस
जब
आतंकियों
ने
आर्मी
यूनिट
पर
हमला
किया
तो
उनका
मकसद
आर्मी
के
फैमिली
क्वार्टर्स
पर
कब्जा
करना
था।
आतंकी
चाहते
थे
कि
वो
यहां
रह
रहे
सैनिकों
के
परिवारों
को
बंधक
बना
सकें।
लेकिन
अपने
नवजात
बच्चों
के
साथ
फैमिली
क्वार्टर
में
रह
रहीं
दो
महिलाओं
की
बहादुरी
ने
चलते
आतंकियों
के
मंसूबे
पर
पानी
फिर
गया।
नोटबंदी
पर
महिला
कांग्रेस
नेता
ने
कहा,
I
Love
Modi
Ji
एक आर्मी अफसर ने बताया, 'दो आर्मी अफसरों की पत्नियों ने साहस दिखाते हुए घर के कुछ सामानों की मदद से अपने क्वार्टर की एंट्री को ब्लॉक कर दिया, जिससे आतंकवादियों के लिए घर में दाखिल होना मुश्किल हो गया।'
अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक एक अफसर ने बताया कि 'अगर इन महिलाओं ने मुस्तैदी न दिखाई होती, तो आतंकवादी उन्हें बंधक बनाने में सफल हो जाते और सेना को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते थे।'
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष मेहता ने कहा, 'आतंकवादी दो बिल्डिंग्स में घुसे जिसमें सैनिकों के परिवार रहते हैं। इससे 'बंधक सकंट' जैसे हालात बन गए। इसके बाद सेना ने फौरन कार्रवाई करते हुए वहां से 12 सैनिकों, दो महिलाओं और दो बच्चों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया।'