यहां मुस्लिम करते हैं रामलीला, नवाजुद्दीन सिद्दीकी को यहां कोई नहीं रोकता!
दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी अगर दिल्ली में होते तो रामलीला करने का उनका बचपन का सपना इसी साल पूरा हो जाता।
यहां होने वाली रामलीलाओं में मुस्लिम बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं और उनको कोई नहीं रोकता। राजधानी का पहला रामलीला ग्रुप मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर ने बनाया था।
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पिछले 15 सालों से लक्ष्मण बन रहे सादिक
श्रीनवयुवक रामलीला ग्रुप में काम करने वाले सादिक खान ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि वह पंद्रह साल से लक्ष्मण की भूमिका निभाते रहे हैं। अब वह राम की भूमिका करना चाहते हैं। उन्होंने बताया, 'मैं पांच साल की उम्र से रामलीला कर रहा हूं और शुरुआत में मैं वानर सेना का रोल करता था।'
नवाजुद्दीन मामले पर टिप्पणी करते हुए सादिक ने अपने बारे में कहा, ' मुझे रामलीला करने से अभी तक किसी ने नहीं रोका। यहां तक कि लोगों और परिवार का सपोर्ट ही मिला।' सादिक के भाई मंजर हुसैन रावण की भूमिका करते रहे हैं।
कुंभकर्ण की भूमिका निभाते हैं मुजीबुर रहमान
श्री नव धार्मिक रामलीला ग्रुप में 27 साल के मुजीबुर रहमान कुंभकर्ण की भूमिका करते हैं। उनका कहना है कि रामलीला में वह भाग लेने से पहले इस बात से डरते थे कि मां-बाप इजाजत देंगे कि नहीं। लेकिन पूछने पर उनके मां-बाप ने कहा कि रामलीला में काम करने से उनको कोई समस्या नहीं है।
रामलीला के लिए चंदा देते हैं मुस्लिम परिवार
दिल्ली के लाल किले में होने वाली लव कुश ग्रुप की रामलीला में स्टार भाग लेते हैं, जिनमें राजा मुराद, फरहीन और अली खान जैसे एक्टर शामिल होते हैं। लव कुश रामलीला कमिटी के चेयरमेन अशोक अग्रवाल कहते हैं कि इस आयोजन के लिए पुरानी दिल्ली में बसे मुस्लिम परिवार खुलकर चंदा देते हैं।
बुढाना में नवाजुद्दीन को रामलीला नहीं करने दिया
हाल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को शिवसेना ने उनके गांव बुढाना में रामलीला में भाग लेने से रोक दिया। इस पर निराश नवाजुद्दीन ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि रामलीला करने का उनके बचपन का सपना पूरा नहीं हो सका।
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