'चाट-पापड़ी से एलर्जी है तो फिश करी खाइए, लेकिन...', डेरेक के बयान पर नकवी ने किया पलटवार
'विधेयक पारित कर रहे हैं या चाट-पापड़ी बना रहे हैं' वाले बयान को लेकर टीएमसी और भाजपा आमने सामने आ गए हैं।
नई दिल्ली, 4 अगस्त: संसद के मानसून सत्र में कृषि कानूनों, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पेगासस के मामले पर चल रहे घमासान के बीच टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन के एक बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर बिना चर्चा और जल्दबाजी में विधेयकों को पास कराने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसा लगता है कि सरकरा चाट-पापड़ी बना रही है। डेरेक ओ ब्रायन के इस बयान पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति जताते हुए इसे संसद का अपमान बताया, वहीं अब केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में भाजपा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी तीखा पलटवार किया है।
'संसद को मछली बाजार मत बनाइए'
डेरेक ओ ब्रायन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'अगर उन्हें 'चाट-पापड़ी' से एलर्जी है, तो वे फिश करी खा सकते हैं। लेकिन, देश की संसद को मछली बाजार मत बनाइए। यह दुर्भाग्य है कि जिस तरह से संसद की गरिमा को ठेस पहुंचाने की साजिश के साथ काम किया जा रहा है, ऐसा पहले कभी देश के इतिहास में नहीं देखा गया।' वहीं, इससे पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने भी डेरेक ओ ब्रायन के इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि विपक्ष जानबूझकर संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहा है।
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा क्या था
आपको बता दें कि डेरेक ओ ब्रायन ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा था, 'मानसून सत्र के पहले 10 दिनों में ही मोदी-शाह ने प्रति विधेयक सात मिनट से भी कम समय के औसत पर 12 विधेयक पास कर दिए। हम विधेयक पारित कर रहे हैं या चाट-पापड़ी बना रहे हैं।' इसके साथ ही डेरेक ओ ब्रायन ने एक चार्ट भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने उन 12 विधेयकों का जिक्र किया और बताया कि हर विधेयक को पारित करने में सरकार ने कितना समय लिया।
पेगासस के मुद्दे पर जारी है संसद में घमासान
ऐसा पहली बार नहीं है, जब डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में विधेयक पारित करने को लेकर मोदी सरकार पर इस तरह खाने की चीजों का जिक्र कर तंज कसा है। 2019 में भी डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा था, 'क्या हम पिज्जा डिलीवर कर रहे हैं...'। आपको बता दें कि कथित पेगासस जासूसी के मामले पर संसद के मानसून सत्र में सरकार को विपक्ष के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष जहां मांग कर रहा है कि संसद में पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पेगासस मामले पर चर्चा हो, वहीं सरकार विपक्ष के तमाम आरोपों को खारिज कर रही है।'
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