हमले से पहले तोड़ दी जाएगी आतंकियों की कमर
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। किसी भी आतंकी हमले को नाकाम करने के इरादे से केन्द्र सरकार देश के पर्यटन और दूसरे प्रमुख शहरों की सुरक्षा को लेकर सिंगापुर की सरकारी सुरक्षा एजेंसी की मदद ले रही है। ये एजेंसी अपनी रिपोर्ट में बताएगी कि किस तरह से सुरक्षा के इंतजाम बेहतर किए जाएं। कुल मिलाकर बात ये है कि सरकार 26/11 जैसे हमलों को हर हाल में रोकना चाहती है। जानकारों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रमुख शहरों की सुरक्षा के मसले पर सुरक्षा एजेंसियों के आला अफसरों से भी गुवाहाटी में एक सम्मेलन के दौरान बात की।
दिल्ली से लेकर बनारस तक शामिल
इन शहरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, कुशीनगर, रायपुर, नई दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई शामिल है। उम्मीद है कि वह अपनी रिपोर्ट दिसम्बर के अंत तक केंद्र सरकार को सौंप देंगे।
खासा अध्ययन बनारस का
जानकारों के अनुसार,एजेंसी को बनारस के मामले में विशेष अध्ययन और सुझाव देने की हिदायत है। चूंकि पीएम का यहां बार-बार आना हो सकता है, इस लिहाज से सुरक्षा की समीक्षा जरूरी है। नवंबर के पहले सप्ताह में पीएम मोदी ने दो दिन बनारस में गुजारा था, उस दौरान सुरक्षा में कई तरह की चूक सामने आई थी।
लापरवाह पुलिस
जानकारों का कहना है कि भारत में पुलिस भी काफी लापरवाह है। इसकी वजह से आये दिन कोई न कोई घटना होती रहती है। पुलिस को भी खास तरीके के प्रशिक्षण की जरूरत है। संभव है कि सिंगापुर के अधिकारी इस बारे में भी अपनी रिपोर्ट के जरिये सरकार को कोई सुझाव दें।
सरकार चिंतित
केंद्र सरकार देश के कुछ प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को लेकर खास तौर पर चिंतित है। लगातार बढ़ते आतंकी खतरे और पिछले वर्षों में हुए कुछ हमलों के मद्देनजर अब प्रबंधों को पूरी तरह दुरुस्त करने की जरूरत महसूस की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार सिंगापुर के अधिकारी ने अबतक जो जांच की है, उसमें कई खामियां दिखायी दी हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि सुरक्षा प्रबंधों में लगे लोग अपनी जिम्मेदारी के प्रति खासा लापरवाह हैं। वह बस काम के घंटे गिनते हैं और चले जाते हैं। मुंबई में छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हमले के बाद भी सुरक्षा प्रबंधों में कोई खास अंतर नहीं आना चिंता की बात है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और होटलों में ज्यादा से ज्यादा खुफिया कैमरे लगाने की जरूरत है।
सबकी हो जांच
भारत में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) की जरूरत है, क्योंकि यहां हर दिन काफी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं। यह ऐसी प्रणाली है, जहां वीआईपी, चाहे वह मुख्यमंत्री हों या कोई और बिना सुरक्षा जांच के निर्धारित स्थान तक नहीं जा सकते हैं। मुकम्मल सुरक्षा प्रबंध के लिए ऐसा करना जरूरी है। तभी हम खतरों से प्रभावी तरीके से निबट सकते हैं।