
MoS Home Nisith Pramanik के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, 13 साल पुराने मामले में ज्वैलरी दुकान में चोरी का आरोप
MoS Home Nisith Pramanik के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार इलाके में ज्वैलरी शॉप में चोरी के आरोप में निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ तीन साल बाद वारंट जारी किया गया है। मामला 2009 का है। बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री प्रमाणिक पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले से निर्वाचित लोक सभा सांसद हैं।
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गृह राज्यमंत्री के खिलाफ जारी वारंट के मामले में इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा सांसद निसिथ प्रमाणिक पर पश्चिम बंगाल के ही अलीपुरद्वार इलाके में दो स्वर्ण व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट का आरोप है। मामला 2009 का है। अलीपुरद्वार न्यायिक तृतीय न्यायालय (Alipurduar Judicial Third Court) ने निशीथ प्रमाणिक के खिलाफ 13 साल पुराने मामले में वारंट जारी किया है।
पश्चिम बंगाल में अलीपुरद्वार की एक जिला अदालत ने केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिलाफ जो गिरफ्तारी वारंट जारी किया है यह मामला दो ज्वैलरी दुकानों में चोरी का है। इस घटना से संबंधित मामला 13 साल पहले यानी 2009 में दर्ज हुआ था और अब केंद्रीय मंत्री बन चुके निसिथ प्रमाणिक वारदात में कथित रूप से शामिल थे।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रमाणिक इस मामले के आरोपियों में से एक हैं। मामले के अन्य आरोपियों ने जमानत याचिका दायर की है, लेकिन प्रमाणिक ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है। प्रमाणिक पर स्वर्ण व्यापारियों की दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट का आरोप है। मामले में निर्धारित तारीख को कोर्ट में पेश नहीं होने पर मंगलवार को निचली अदालत के न्यायाधीश ने प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। हालांकि, कुछ समय वह बाद प्रमाणिक कोर्ट में पेश हुए।
प्रमाणिक से जुड़ा ये विवाद नया नहीं है। उनके गृह राज्यमंत्री बनने के बाद जुलाई 2021 में उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़े हुए थे। चौंकाने वाले घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय की वेसाइट पर इनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन का जिक्र ही नहीं किया गया, जबकि दो अन्य राज्यमंत्रियों नित्यानंद राय और अजय मिश्रा टेनी के बारे में पूरा विवरण लिखा गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बनने के बाद 35 साल के निसिथ मोदी कैबिनेट में सबसे युवा मंत्री के रूप में पहचाने गए। हालांकि, उनपर आरोप लगा कि चुनाव आयोग के पास दाखिल दो शपथपत्र और लोकसभा वेबसाइट में अलग-अलग डिटेल मुहैया कराने का आरोप लगे।
गौरतलब है कि प्रमाणिक हाल ही में कूचबिहार जिले में काफिले पर कथित तौर पर हमले के बाद चर्चा में थे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह घटना 3 नवंबर को कूचबिहार के सिताई इलाके में हुई थी, जब लाठियों से लैस भीड़ ने केंद्रीय मंत्री के काफिले पर हमला कर दिया था।