100 से ज्यादा सैनिकों ने लिखी राष्ट्रपति को चिट्ठी, मिलिट्री के नाम पर वोट मांगने पर जताई चिंता
नई दिल्ली। आठ पूर्व सेना प्रमुखों समेत 100 से ज्यादा वेटरंस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में इन वेटरंस ने इस बात पर चिंता जताई है कि लोकसभा चुनावों में मिलिट्री के नाम पर वोट मांगे जा रहे हैं। चिट्ठी के मुताबिक हाल ही में जो मिलिट्री ऑपरेशन हुआ है उसका हवाला देकर वोटर्स से वोट की अपील की जा रही है और यह बेहद चिंताजनक बात है। गुरुवार से आम चुनावों का पहला दौर शुरू हुआ जब लोकसभा की 543 सीटों में से 91 सीटों के लिए पहले चरण के तहत वोट डाले गए।
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'मोदीजी की सेना' पर नाराज सैनिक
जो चिट्ठी रामनाथ कोविंद को लिखी गई है उसमें लिखा है, 'भारत की सेनाओं ने हमेशा मिलिट्री की तुलना में असैन्य नियंत्रण पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ऊपर रखा है और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अपनी वफादारी का प्रदर्शन किया।' इस चिट्ठी में पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) एसएफ रॉड्रिग्स और जनरल दीपक कपूर के अलावा पूर्व एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी और पूर्व नौसेना प्रमुख सुरेश मेहता समेत कुछ और सेना प्रमुखों के साइन हैं। वेटरंस ने इस चिट्ठी को देर रात मीडिया को जारी किया जब पहले दौर का मतदान हो गया।
योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी का जिक्र
इस चिट्ठी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस टिप्पणी का जिक्र खासतौर पर है जिसमें उन्होंने सेना को 'मोदीजी की सेना' के तौर पर संबोधित किया था। सीएम योगी ने यह टिप्पणी गाजियाबाद में एक चुनावी रैली के दौरान की थी। चिट्ठी में लिखा है, 'यह बहुत ही असाधारण है और बिल्कुल भी मंजूर नहीं है कि राजनेता मिलिट्री ऑपरेशंस जैसे सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लें और सेनाओं को 'मोदी जी की सेना' कहने लगें।' आपको बता दें कि चुनाव आयोग पहले ही सीएम योगी को आने वाले समय में सतर्क रहने की चेतावनी दे चुका है।
अभिनंदन की तस्वीर पर सख्त चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने भी राजनीतिक पार्टियों से अपील की है कि वह विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की फोटोग्राफ का प्रयोग हरगिज नहीं करेंगे जिन्होंने 27 फरवरी को पाकिस्तान का एफ-16 अपने मिग-21 से ढेर किया था। इसके बाद अभिंनदन पाकिस्तान में गिर गए थे जहां पर पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। वेटरंस ने चुनाव प्रचार में उन फोटोग्राफ्स का जिक्र भी किया है जिसमें पार्टी के कार्यकर्ता मिलिट्री यूनिफॉर्म पहने हुए हैं। साथ ही उनके पास अभिनंदन से संवदेना जताने वाले पोस्टर्स और फोटोग्राफ्स थीं।
निर्देशों के बाद भी रवैया जस का तस
वेटरंस ने इस बात पर चिंता जाहिर की है कि चुनाव आयोग के निर्देश कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। किसी भी दल के बर्ताव में कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। चिट्ठी में यह भी लिखा है कि राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आशंका जताई गई है कि आने वाले दिनों में इस ट्रेंड में इजाफा देखने को मिल सकता है।