पाक आतंकी मोहम्मद याकूब उर्फ कासिम खान से जुड़े कुछ और राज
उधमपुर। जम्मू में बुधवार को पाकिस्तान से आए आतंकी मोहम्मद याकूब उर्फ उस्मान खान उर्फ कासिम खान के बारे में कई और जानकारियां अब सामने आ रही हैं। उससे पूछताछ और उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए एनआईए की एक टीम जम्मू पहुंच गई है। अब जबकि कासिम खान से पूछताछ शुरू हो गई है और इस हमले की जांच भी शुरू कर दी गई है, कासिम से जुड़ी नई जानकारियां सामने आने लगी है।
कासिम से पूछताछ में खुलासे
- कासिम से करीब 20 अधिकारियों की टीमें पूछताछ में लगी हुई हैं।
- जम्मू कश्मीर पुलिस, लोकल इंटेलीजेंस यूनिट और सीबीआई के साथ ही एनआईए भी शामिल।
- जांच का असली मकसद कासिम के मॉड्यूल और उसके ओरिजन के बारे में पता लगाना है।
- पंजाब के गुरदासपुर और जम्मू के उधमपुर में हुए आतंकी हमले में कई समानताएं हैं।
- दोनों हमलों में शामिल मॉड्स ऑपरेंडी भी एक जैसी है।
- आतंकियों को गुरदासपुर हमले के दौरान तीन टारगेट दिए गए थे।
- उधमपुर में भी आतंकियों ने एक से ज्यादा टारगेट पर निशाना साधा।
- अमरनाथ यात्रा के साथ ही सेना पर आतंकी हमले को अंजाम देना आतंकियों का मकसद था।
उम्र से लेकर नाम तक पर सस्पेंस
कासिम की उम्र कितनी है इस बारे में जम्मू पुलिस उसका मेडिकल टेस्ट कराने के बारे में सोच रही है। उसने अपना नाम भी कई बार बदला है।
कभी 20 तो कभी 16 बताता है अपनी उम्र
कासिम को जब पकड़ा गया तो उसने अपनी उम्र पहले 20 वर्ष बताई। इसके बाद उसने अपनी उम्र 16 वर्ष बताई।
22 वर्ष का कासिम
उम्र पर बरकरार सस्पेंस पर एक अधिकारी ने बताया कि उनकी शुरुआती जांच में इस बात का इशारा मिलता है कि वह 22 वर्ष का है।
उधमपुर हमले का लोकल कनेक्शन
मोहम्मद नावेद उर्फ कासिम और आतंकी नोमान कश्मीर में मौजूद एक पाक हैंडलर से संकेत मिल रहे थे। यह हैंडलर पाक का ही रहने वाला है। पूछताछ में नावेद ने अबु नामक एक व्यक्ति का नाम लिया।
जांचकर्ताओं ने भी की पुष्टि
जांचकर्ताओं ने भी कहा है इस तरह के हमले में आतंकियों को हमेशा दो तरफ से संकेत मिलते हैं। कासिम और नोमान को लश्कर का एक और आतंकी अबु-अल-कासिम हैंडल कर रहा था।
हमले से पहले एक घंटे तक किया इंतजार
कासिम ने बताया है कि उधमपुर में हमले को अंजाम देने से पहले उसने और नोमान ने करीब एक घंटे तक इंतजार किया।
बीएसएफ के जवान के अपहरण की थी साजिश
नावेद उर्फ कासिम की मानें तो उनकी योजना बीएसएफ के एक जवान को कब्जे में लेने की थी। लेकिन नोमान की मौत ने उसे कमजोर बना दिया।
20 दिन की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आया भारत
कासिम को लश्कर ने एक वर्ष से ज्यादा समय तक ट्रेनिंग दी है। यहां तक कि भारत में दाखिल होने से पहले भी उसे 20 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग दी गई थी।