मोदी की शादी पर उठे सवाल तो बचाव में उतरें भाई ने कहा शादी सिर्फ सामाजिक औपचारिकता
सोमाभाई ने मीडिया में एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नरेंद्र भाई के मन में बचपन से ही राष्ट्र सेवा की भावना थी। उन्होंने अपना जीवन घर-परिवार के बजाय राष्ट्र को समर्पित करना ज्यादा बेहतर समझा। उन्होंने बचपन में मोदी के साहस और त्याग का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्र सेवा की भावना से लबरेज होकर उन्होंने बचपन में ही घर को छोड़ दिया। वह देश प्रेम और प्रभु सेवा में रम गए। इस प्रवृत्ति को उन्होंने अपने जीवन का व्रत बना लिया।
उन्होंने कहा कि घरवालों ने नरेंद्र भाई की शादी 17 साल में ही कर दी। लेकिन नरेंद्र महात्मा बुद्ध और स्वामी विवेकानंद से काफी प्रभावित थे। ऐसे में उनकी जशोदाबेन चिमनभाई मोदी से शादी एक औरचारिक संस्कार बनकर रह गया। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी करीब 45-50 सालों से घर से बाहर हैं।
मोदी के घर छोड़ने के बाद जशोदाबेन भी अपने पिता के घर चली गईं। वहां उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह अपनी मेहनत और ईमानदारी की बदौतल टीचर की भूमिका में आईं। उनके भाई ने देशवासियों से अपील की कि 45-50 साल पहले की घटना को आधार बनाकर नरेंद्र मोदी की प्रतिष्ठा पर उंगली न उठाई जाए।