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मोदी, नीतीश, लालू, राहुल... कभी नहीं पीयेंगे बिहार के बेलागंज का पानी!

By Ajay Mohan
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पटना (मुकुन्द सिंह)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ट्वीट वॉर में बिजी हैं, गरीब जनता को सपने दिखाने वाले लालू यादव बिहार की किलेबंदी में व्यस्त हैं, ताकि कोई गुजराती घुस न पाये और भारतीय जनता पार्टी के सुशील कुमार मोदी भाजपा पर हो रहे हमलों को रोकने में व्यस्त हैं। किसी को भी बेलागंज विधानसभा क्षेत्र की चिंता नहीं, जहां के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं। यह वो विधानसभा क्षेत्र है, जहां नेता जब चुनावी सभा करने पहुंचते हैं, तो साथ में मिनरल वॉटर लेकर जाते हैं। क्योंकि वे यहां का पानी कभी पी ही नहीं सकते।

ये वो क्षेत्र है जहां कई सालों से नल में पानी नहीं आया, क्योंकि वॉटर ट्रीटमेंट प्लान की पाइप लाइन टूटने के बाद गांव के मुख‍िया ने जिद पकड़ ली है, कि पाइपलाइन उसके घर से होकर ही जायेगा। गांव वालों को पीने का पानी चाहिये, तो खुद चलकर आयें। हैंडपम्प लगे हैं, लेकिन उस पर लाल निशान लगा है- "यह पानी खतनाक है, इसे पीयें नहीं" कुएं खोदना गांव-वालों के बस की बात नहीं। अब ये गरीब करें तो क्या करें, मजबूरन केमिकल युक्त पानी पीना पड़ रहा है। वह पानी जिसमें फ्लोराइड की मात्रा जरूरत से बहुत ज्यादा है।

बिहार में पीने के पानी की भयवह तस्वीर

  • बिहार के 11 जिलों की 4157 इलाकों में पानी में फ्लोराइड की मात्रा तयशुदा मानक से अधिक है।
  • गया के बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में ही 517 बस्त‍ियां इसी श्रेणी में आती हैं।
  • इस्माइलपुर बहादुर बिगहा बस्ती वह है, जहां आपको एक गिलास शुद्ध पानी भी नहीं मिलेगा।
  • इस क्षेत्र में रविदास, महादलितों की संख्या सबसे ज्यादा है।
  • इस क्षेत्र में 5 साल पहले पेयजल विभाग द्वारा सालों पहले हैंडपंपों पर लाल निशान लगाये गये थे और कहा था कि ये पानी खतरनाक है इसे न पीयें।

आज से पांच साल पहले वैकल्पिक उपाय करते हुये लाखों की लागत से यहां दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाते हुये पाइप बिछा कर पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन गांव में सड़क बनने के दौरान पाइप टूट गया। जब पाइप ठीक कराने के लिए मुखिया से कहा तो वे ठीक कराने के बजाए कहते है अगर पानी चाहिए तो उनके दरवाजे से लेकर आयें। मुखिया का घर गांव से दो किमी दुर हैं । हलाकि लोग वहां भी जाकर पानी ले आते हैं।

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गांव के लोगों का कहना है कि मुख‍िया के घर के पास जब पानी लेने जाते हैं तो टोका -टोकी शुरू हो जाती हैं, जिससें अक्सर झगड़े की नौबत बन जाती है। तब से समाज का निचला तबका पानी की इस राजनीति का शिकार होकर विषैला पानी पीने को मजबुर है।

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फ्लोराइड अध‍िक होने के कारण इस पानी को पीने से लोग कुपोषण के शिकार हो रहे हैं। हड्ड‍ियां कमजोर पड़ने की वजह से ज्यादातर लोगों के पैर व हाथ मुड़े हुए दिखेंगे। यहां के लोगों के दांत बहुत जल्दी गिर जाते हैं और इनके शरीर का ढांचा बाकी लोगों के ढांचे से अलग दिखता है, क्योंकि फ्लोराइड का सीधा प्रभाव स्केलेटन पर पड़ता है।

शरीर मे तीव्र दर्द, जोड़ों का दर्द, मांसपेश‍ियों का दर्द, जरूरत से ज्यादा थूक बनना और आये दिन उलटी-दस्त इन इलाकों में आम बात है।

बेहद महत्वपूर्ण सवाल

जरा सोचिये बिहार की जिन परिस्थ‍ितियों में गया के लोग रह रहे हैं, क्या उन परिस्थि‍तियों को लालू-नीतीश जैसे लोग कभी समझ पाये हैं? अमेठी में दलित के घर जाकर भोजन करने वाले राहुल गांधी, क्या इस इलाके के महादलितों के घर का पानी पीयेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी एक सवाल- क्या करेंगे ऐसे डिजिटल इंडिया का, जहां लोग कुपोषण का श‍िकार होंगे, जहां पानी के लिये गांव के मुख‍िया की गालियां सहनी पड़ें और जहां टूटी पाइपलाइन को बनाने में कई साल लग जायें।

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English summary
We are sure that any politician, whether PM Narendra Modi, Bihar CM Nitish Kumar, RJD chief Lalu Yadav or Congress VP Rahul Gandhi, will never drink water in Belaganj. Lets find out the reason.
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