PMRF: मोदी सरकार ने छात्रों के लिए लॉन्च की सबसे बड़ी फेलोशिप स्कीम, मिलेगा 80 हजार महीना
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने शोध छात्रों के लिए भारत की अब तक सबसे बड़ी स्कॉलरशिप स्कीम लॉन्च की है। मोदी कैबिनेट ने IIT, IISER और NIT जैसे उच्चस्तरीय संस्थानों के मेधावी भारतीय छात्रों को विदेश जाने से रोकने लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (पीएमआरएफ) स्कीम को हरी झंडी दी। उच्च संस्थानों से पढ़कर रिसर्च करने विदेश जाने वाले मेधावी छात्रों को रोकने के लिए मोदी कैबिनेट ने इस स्कॉलरशिप स्कीम को लॉन्च किया है। इस स्कीम के तहत रिसर्च करने वाले छात्रों को हर महीने 70 से 80 हजार रुपये की स्कॉलशिप दी जाएगी।
इन छात्रों को मिलेगा फायदा
मोदी कैबिनेट ने अगले तीन सालों में इस स्कॉलरशिप स्कीम पर होने वाले खर्च के लिए 1650 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आईआईएससी/आईआईटी/एनआईटी/आईआईएसईआर/आईआईआईटी से बी-टेक या एकीकृत एम-टेक या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में एम.एस.सी. का पाठ्यक्रम पूरा करने वाले या अंतिम वर्ष के लगभग 1,000 सर्वश्रेष्ठ छात्रों को इस योजना के तहत आईआईटी/आईआईएससी में पीएचडी कार्यक्रम में सीधा प्रवेश दिया जाएगा।
2 लाख का सालान ग्रांट भी मिलेगा
इन छात्रों को पहले दो वर्षों के दौरान प्रति माह 70,000 रुपये की फेलोशिप, तीसरे वर्ष के दौरान प्रत्येक माह 75,000 रुपये और चौथे तथा पांचवे वर्ष के दौरान प्रतिमाह 80,000 रुपये की फेलोशिप दी जाएगी। इसके अलावा पांच सालों के लिए प्रत्येक शोधार्थी को दो लाख रुपये अनुसंधान अनुदान दिया जाएगा, ताकि उन्हें अंतर्राष्ट्रीय शोध सम्मेलनों में हिस्सा लेने और शोध प्रबंध लिखने में सहायता हो। वर्ष 2018-19 से शुरू होने वाली तीन वर्षीय अवधि के लिए अधिकतम तीन हजार शोधार्थियों को चुना जाएगा।
ब्रेन-ड्रेन को ब्रेन-गेन में बदलेगी ये स्कीम
जावड़ेकर ने कहा कि इस योजना से देश की प्रतिभाओं की क्षमताओं का उपयोग करने में मदद मिलेगी, ताकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में घरेलू स्तर पर अनुसंधान और शोध किए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किए जाने वाले शोध से हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी और देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में बेहतरीन शिक्षकों की कमी पूरी होगी। सरकार का यह कदम ‘ब्रेन-ड्रेन' को ‘ब्रेन-गेन' में बदल देगा।