3500 करोड़ कालाधन वापस आया, अगले महीने तक 1000 करोड़ तक की होगी वसूली
नई दिल्ली। कालाधन को भारत वापस लाना केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी समस्या है। लेकिन मोदी सरकार की मानें तो काला धन के भारत वापसी की प्रक्रिया चालू हो चुकी है। यही नहीं कालाधन की 3500 करोड़ की पहली खेप मोदी सरकार अब तक वसूल चुकी है।
मार्च
माह
तक
1000
करोड़
रुपए
वसूल
लिये
जाएंगे
कालाधन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसाईटी का गठन किया था जिसकी निगरानी में कालाधन को भारत वापस लाने की प्रक्रिया चल रही है। एसआईटी का दावा है कि मार्च माह तक आयकर विभाग 1000 करोड़ रुपए का काला धन टैक्स पेनाल्टी के रुप में प्राप्त कर लेगा। 300 भारतीय जिन्होंने विदेशों में कालाधन जमाकर टैक्स बचाया है उनसे यह राशि वसूली जायेगी।
वहीं एसआईटी का कहना है कि आयकर विभाग ने तकरीबन 3500 करोड़ रुपए का कालाधन प्राप्त कर भी लिया है। एसआईटी के उपाध्यक्ष जस्टिस अरिजित पसायत का कहना है कि 31 मार्च तक बाकी के 6500 करोड़ रुपए आयकर विभाग इकट्ठा कर लेगा।
टैक्स
चोरी
करने
वालों
को
जेल
हो-
एसआईटी
जस्टिस पसायत का कहना है कि हमने टैक्स चोरी को अपराध की श्रेणी में डालने के लिए कहा है ताकि टैक्स की चोरी करने वालों को जेल जाना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो जिन लोगों ने जानबूझकर टैक्स की चोरी की है उन्हें जेल की हवा खानी पड़ेगी। जस्टिस का कहना है कि टैक्स चोरी को महज हेराफेरी जैसे छोटे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।
उद्योगपति
खुद
से
500
करोड़
तक
का
जुर्माना
दे
रहे
हैं
जस्टिस पसायतन का कहना है कि कालाधन की कड़ाई से जांच शुरु होते ही बहुत से उद्योगपतियों ने स्वेच्छा से 500 करोड़ रुपए का जुर्माना भर दिया है। एसआईटी की अगुवाई में कस्टम और एक्साइज विभाग ने 15000 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की वसूली शुरु कर दी है।
एक
साल
के
भीतर
15
हजार
करोड़
रुपए
वसूल
लिये
जाएंगे
जांच में इस बात को ध्यान में रखा जा रहा है कि जिस किसी ने भी रसीदों की हेराफेरी के जरिए टैक्स की चोरी की है उनसे टैक्स के साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा। जस्टिस पसायत का कहना है कि हमें उम्मीद है कि निश्चित समय अविध यानि कि एक साल के भीतर 15000 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी वसूली जा सकती है।
फर्जी
चिंट
फंड
कंपनियों
से
एक
साल
के
भीतर
वसूल
लिये
जाएंगे
30
हजार
करोड़
रुपए
एसआईटी के उपाध्यक्ष काह कहना है कि एसआईटी की निगरानी में ईडी ने कई व्यक्तियों के खिलाफ चिट फंड़ के जरिए 4000 करोड़ रुपए इक्ट्ठे किये जाने का मामला दर्ज किया हैं। उनका कहना है कि इन लोगों ने गलत तरीके से चिट फंड के जरिए करोड़ो रुपए इक्टठे किये हैं।
ये चिटफंड़ कंपनियां मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में सक्रिय थी जिन्होंने टैक्स चोरी के जरिए करोड़ो रुपए गलत तरीके से इकट्ठा किया। पसायत ने उम्मीद जतायी है कि एक साल के भीतर तीस हजार करोड़ रुपए इकट्ठा करने में सफल होंगी।