5 साल में विकास के लिए काटे गए 1.09 करोड़ पेड़, मोदी सरकार ने दी परमिशन
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 5 सालों में विकास के लिए एक करोड़ से ज्यादा पेड़ों को काटने का परमिशन दी। शुक्रवार को मोदी सरकार ने लोकसभा में ये आंकड़ा बताया। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि विकास कार्यों के उद्देश्य के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने साल 2014 से साल 2019 के दौरान 1.09 करोड़ पेड़ काटने की परमिशन दी।
2018-19 में काटे गए 26.91 लाख पेड़
बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा में बताया कि साल 2018-19 में सबसे ज्यादा पिछले पांच सालों में काटे गए। इस साल 26.91 लाख पेड़ काटे गए। सुप्रियो ने आगे बताया कि जंगल की आग में नष्ट हुए पेड़ों का डेटा उनके मंत्रालय ने नहीं रखा है। उन्होंने पेड़ काटने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि विभिन्न विकास उद्देश्यों के लिए विभिन्न अधिनियमों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए संबंधित अथॉरिटीज से परमिशन के बाद पेड़ों को काटा जाता है। हालांकि मंत्रालय जंगल में लगी आग आग की वजह से पेड़ों की कटने का आंकड़ा नहीं रखता है।
किस साल काटे गए कितने पेड़?
मंत्रालय द्वारा लोकसभा में दिए गए आंकड़ों के मुताबिर साल 2014-15 में 23.3 लाख पेड़, साल 2015-16 में 16.9 लाख पेड़, साल 2016-17 में 17.01 लाख, साल 2017-18 में 25.5 लाख वोट काटने की परमिशन दी गई। सुप्रियो ने आगे कहा कि ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 12 राज्यों के लिए 237.07 करोड़ रुपये जारी किए गए। ये धनराशि इन 12 राज्यों में 87113.86 हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण शुरु करमे और 56,319 घरों को वैकल्पिक ऊर्जा उपकरण प्रदान करने के लिए दी गई।
देश में कितना वनक्षेत्र
राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत राज्यों को पिछले चार सालों में (2015-16 से लेकर 2018-19) तक 328.90 करोड़ दिए गए। ये धनराशि 94828 हेक्टेयर नए क्षेत्र का सुधार करने के लिए राज्यों को दिए गए। मंत्रालय से जब पूछा गया था कि देश के कितने हिस्से में वन या पेड़ क्षेत्र हैं। इसके जवाब में कहा गया कि देश में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून वन क्षेत्रों का आकलन करता है। इसके आंकड़े इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट (आइएसएफआर) में छापे जाते हैं। आइएसएफआर-2017 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश का 8 लाख 2 हजार 88 वर्गमीटर वनक्षेत्र है यानी देश के कुल क्षेत्रफल का 24.39 फीसदी इलाका वन क्षेत्र है। आइएसएफआर-15 की रिपोर्ट की तुलना में वन क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है।
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