मोदी 2.0 के 50 दिन: अगले 5 साल में बड़े बदलाव के संकेत
नई दिल्ली- 30 मई को दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने वाले वर्षों के लिए नए तेवरों में नजर आ रही है। मोदी की इस नई पारी के अभी 50 दिन ही गुजरे हैं, लेकिन इसी अवधि में देश लगभग हर क्षेत्र में विकास और बदलाव का गवाह बना है। घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय मामलों और किसानों से लेकर कारोबारियों तक और यहां तक की स्टार्ट-अप्स से लेकर उद्योगों में भी बड़े परिवर्तनों के संकेत मिले हैं। बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट के कई वादों के मुताबिक किसानों, छोटे कारोबारियों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पेंशन, पीएम-किसान योजना का हर किसान तक विस्तार और जल शक्ति मंत्रालय के गठन जैसे वादे पूरे किए जा चुके हैं। यहां कुछ और संकेत दिए जा रहे हैं, जिससे आने वाले पांच वर्षों में देश की दशा और दिशा दोनों बदलने की संभावना नजर आ रही है।
दागी बाबुओं की छुट्टी
कई विभागों से दागी और भ्रष्ट अफसरों की जबरिया छुट्टी और जम्मू एवं कश्मीर बैंक में राज्य की सुरक्षा के लिहाज से चलाई गए सफाई अभियान को भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है। 18 जून को वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर राजस्व विभाग के 15 भ्रष्ट अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने की घोषणा की थी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही की गई इतनी सख्त कार्रवाई का यही संकेत गया है कि आने वाले 5 साल ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर बहुत भारी पड़ने वाले हैं।
5 खरब डॉलर की अर्थव्यस्था वाला बजट
पिछले महीने मोदी सरकार की ओर से 2019-20 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले 5 वर्षों में भारतीय अर्थव्यस्था को 5 खरब अमेरिकी डॉलर वाली अर्थव्यस्था बनाने का लक्ष्य देश के सामने रखा है। वित्त मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार का जब पहला कार्यकाल शुरू हुआ था, तब देश की अर्थव्यवस्था 1.85 खरब डॉलर की थी, जो मौजूदा समय में 2.7 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है। इसके साथ ही मोदी सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं को भी नए अंदाज और नए तेवर में आगे बढ़ाने का फैसला कर चुकी है। इसके अलावा गरीबों से फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कानून को और सख्त करने एवं श्रम कानूनों में सुधार की दिशा में पहल शुरू हो चुकी है। यही नहीं बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले में मौत की सजा का प्रावधान लागू भी किया जा चुका है।
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जी-20 सम्मेलन
जी-20 सम्मेलन के दौरान मुख्य समिट के अलावा जिस नेता की सबसे ज्यादा चर्चा और डिमांड रही वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहे। उन्होंने डॉनल्ड ट्रंप, व्लादमीर पुतिन और शी जिनपिंग जैसे ग्लोबल लीडर्स के साथ कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें कीं। 28-29 जून के बीच जापान के ओसाका में हुआ जी 20 समिट मोदी का छठा समिट था।
ग्लोबल लीडर के रूप में
आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को पीएम मोदी किर्गिस्तान के बिश्केक में हुए एससीओ सम्मेलन में मजबूती से रखने में कामयाब हुए। 19वें शंघाई सहयोग संगठन में वे आतंकवाद के मसले पर विश्व को भारत के साथ गोलबंद करने में पूरी तरह सफल हुए हैं। यही नहीं दूसरे कार्यकाल में मालदीव और श्रीलंका का दौरा करके उन्होंने एक बात फिर साबित करने में सफलता पाई कि 'नेबरहुड फर्स्ट' की उनकी नीति को लेकर वे कितने सचेत और सजग हैं।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
21 जून को 5वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में वे लगातार पांचवी बार विश्व की अगुवाई करने में सफल रहे। उनकी अगुवाई में दुनियाभर के लोगों ने पूरे उत्साह के साथ योग की भारतीय परंपरा पर उत्साह के साथ चलने का संकेत देकर फिर एकबार देश का मान बढ़ाने का काम किया है।
बिजनेस को बढ़ावा
मोदी सरकार ने 400 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 25% फिक्स कर दिया है। पहले यह 250 करोड़ रुपये था। इस दायरे में 99.3% कंपनियां आ गई हैं। इसके अलावा सरकार ने 2019-20 में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए लॉन्ग -टर्म बॉन्ड्स को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट गारंटी इनहांस्मेंट कॉर्पोरेशन के गठन का भी फैसला किया है। इसके अलावा जीएसटी रजिस्टर्ड मंझोले और छोटे उद्योगों (एमएसएमई) को 2019-20 में नए लोन के लिए ब्जाज पर 2% छूट देने के वास्ते 350 करोड़ रुपये भी अलग से आवंटित किए हैं। यही वो सारे संकेत हैं, जिससे लगता है कि मोदी 2.0 के पहले 50 दिन देश की दशा और दिशा बदलने की ओर इशारा कर रहा है।
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