श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और बडगाम जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई हैं। दिन में इसे सस्पेंड कर दिया गया था। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि अलगाववादियों ने प्रदर्शन का ऐलान किया था। इतना ही नहीं अलगाववादी नेता यासीन मलिक और मीरवाइज फारूक को पुलिस ने हिरासत में लिया गया। पुलिस ने श्रीनगर और बड़गाम में इंटरनेट सेवाएं निलंबित की थी हालांकि बाद में ये सेवाएं फिर बहाल हो गई। ये अलगाववादी नेता इलाके में महिलाओं की चोटी कटने के विरोध में प्रदर्शन करने जा रहे थे। इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने चोटी कटवा को पकड़ने में सहायता करने वाले को 6 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की थी। जम्मू-कश्मीर में चोटी काटने की घटना दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले से शुरू हुई थी और जल्दी ही यह घाटी के मध्य व उत्तरी जिलों में फैल गई। इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पिछले हफ्ते पुलिस ने तीन लोगों को संदेह के आधार पर पकड़ा था, लेकिन कोई सबूत नहीं मिलने पर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

कश्मीर घाटी में चोटी काटने की रहस्यमयी घटनाओं के प्रति लोगों में बढ़ते गुस्से के मद्देनजर पुलिस ने रविवार को ये घोषणा की। इससे पहले पुलिस ने तीन लाख रुपए के इनाम की घोषणा की थी। पुलिस के मुताबिक सूचना देने वाले शख्स या लोगों का नाम गोपनीय रखा जाएगा। चोटी काटने की रहस्यमय घटनाओं में जिन महिलाओं पर हमला हुआ, वे कुछ समय के लिए बेहोश हो गईं। जब उन्हें होश आया तो उन्होंने पाया कि उनके बाल कटे हुए है।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि इस घटना के पीछे कुछ सुरक्षाकर्मियों का भी हाथ हो सकता है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आदेश के बाद पुलिस ने इस रहस्य की जांच के लिए हर जिले में विशेष जांच टीमें गठित की हैं। दक्षिणी कश्मीर के डीआईजी ने बताया कि ल हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है।