आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर, भारत में विकास की संभावनाओं को लेकर MNC को बड़ी उम्मीद- CII survey
India's growth prospects:आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था अनेक कारणों से काफी दबाव में है, वैश्विक महंगाई बढ़ती जा रही है,वहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विदेशी निवेशकों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को काफी उम्मीदें हैं। उन्हें लग रहा है कि उनके लिए भारत में निवेश काफी फायदेमंद साबित होने वाला है। सीआईआई ने भारत में काम कर रहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच जाकर जो सर्वे किया है, उससे पता चला है कि ज्यादा कंपनियां भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए सुरक्षित और विकसित होने वाली अर्थव्यस्था के तौर पर देख रही हैं।
5 साल में एफडीआई 475 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद-सर्वे
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच भारत में काम कर रहीं बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश के आर्थिक विकास की संभावनाओ को लेकर काफी आशावादी हैं। सीआईआई-ईवाई सर्वे में यह निष्कर्ष निकला है। इस सर्वे के मुताबिक अगले पांच साल में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कुल मिलाकर 475 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इस रिपोर्ट में यहां तक बताया गया है कि भारत में काम करने वाली करीब 71% बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश को अपने वैश्विक विस्तार के लिए महत्वपूर्ण जगह के तौर पर देखती हैं।
96% को भारत के विकास को लेकर है काफी आशा-सर्वे
इस सर्वे में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि आर्थिक विकास के मोर्चे पर भारत के सामने अगले स्तर की छलांग लगाने का मौका आ चुका है, जिसके लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए सुधार, इंफ्रा प्रोजेक्ट को तेजी से लागू करने और जीएसटी से जुड़े सुधार को जारी रखना होगा। 'विजन-डेवलप्ड इंडिया: अपर्टूनिटीजी एंड एक्सपेक्टेशंस ऑफ एमएनसी' टाइटल वाली रिपोर्ट में जहां जवाब देने वाले 96% लोग भारत के विकास की संभावनाओं को लेकर आशांवित हैं और इसके और भी बेहतर करने की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं, 43% जवाब देने वालों ने कहा है कि भारत महत्वपूर्ण रूप से बेहतरीन प्रदर्शन करने जा रहा है।
'एमएनसी भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल के रूप में देख रही हैं'
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दशक में भारत ने एफडीआई में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है। मसलन, महामारी और जीओपॉलिटिकल गतिविधियों के बावजूद वित्त वर्ष 2022 में 84.8 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है। सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, 'विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं जो विकास और जीओपॉलिटिकल मुद्दों से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं, उसमें यह दिल छूने वाली बात है कि एमएनसी भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल के रूप में देख रही हैं और अपने विस्तार की योजना तैयार कर रही हैं। हमें भरोसा है कि सरकार की ओर से जारी सुधारों की वजह से बहुराष्ट्रीय कंपनियों ज्यादा निवेश की ओर आकर्षित होंगी और वो घरेलू सप्लाई चेन में अपना विशेष योगदान देंगी। '
100 अरब डॉलर के एफडीआई को आकर्षित की राह पर भारत
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी शनिवार को कहा था कि चालू वित्त वर्ष में आर्थिक सुधारों और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की वजह से भारत 100 अरब डॉलर के एफडीआई को आकर्षित करने की राह पर है। हालांकि, अप्रैल-जून तिमाही में एफडीआई की आवक 6% घटकर 16.6 अरब डॉलर रह गई थी। लेकिन, वित्त वर्ष 2021 में कुल 81.9 अरब डॉलर की एफडीआई इंफ्लो में करीब 10% हिस्सा इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी गतिविधियों का था। इंफ्रास्ट्रक्टर में निवेश इस बात की ओर इशारा करता है कि भारत बेहतीरन इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इससे नए निवेशों के अवसर भी बढ़ते हैं।
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सरकार भी आर्थिक विकास पर कर रही है फोकस
भारत के आर्थिक विकास के प्रति आशा के दृष्टिकोण के पीछे, घरेलू खपत की अच्छी गति, सर्विस सेक्टर का विकास, डिजिटाइजेशन और मैनुफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का पूरा फोकस होना है। इसके मुताबिक भारत की खपत में अनुमानित असली विकास का अनुमान दुनिया में तीसरा सबसे अधिक है और सिर्फ अमेरिका और चीन से पीछे है। इसी के साथ ही देश में तेजी से बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी के 2025 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की संभावना है।