मिर्जापुर-2 से हटेगा ये 'खास' सीन, प्रोड्यूसर्स ने मांगी सुरेंद्र मोहन पाठक से माफी, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली। हाल ही में अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई वेब सीरीज मिर्जापुर-2 को खूब पसंद किया जा रहा है। हालांकि इसे लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। दरअसल हुआ ये है कि सीरीज के एक सीन में सत्यानंद त्रिपाठी ( कुलभूषण खरबंदा) हाथ में क्राइम फिक्शन बेस्ड नॉवेल लिखने के लिए दुनिया में मशहूर लेखक सुरेंद्र मोहन पाठक की किताब 'धब्बा' पकड़े हुए हैं। डायलॉग नरेशन में वो जो बोलते हैं उसे लेकर सुरेंद्र मोहन पाठक ने आपत्ति जताई है। उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर्स से इसे हटाने की मांग की है। विस्तार से जानिए पूरा मामला
सीरीज में कंटेंट को गलत तरीके से पेश किया गया
सुरेंद्र मोहन पाठक का आरोप है कि सीरीज में उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। मिर्जापुर के एक सीन में उनके लिखे उपन्यास ‘धब्बा' के कंटेंट को गलत तरीके से पेश किया गया है। उनके द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है, "मिर्जापुर 2 के एक सीन में किरदार सत्यानंद त्रिपाठी हिंदी का जो उपन्यास पढ़ रहे हैं ‘धब्बा' वह उनका है, जो 2010 में प्रकाशित हुआ था। लेकिन इस पात्र ने जो कुछ भी कहा है वह उनके लिखे उपन्यास ‘धब्बा' में है ही नहीं। संवाद के तौर पर जो कुछ भी उस पात्र ने बोला है वह सिवाय पॉर्न के और कुछ नहीं हो सकता।"
जानिए क्या है उस सीन में
दरअसल, एपिसोड 3 में दिखाए गए इस सीन में सत्यानंद त्रिपाठी किताब पढ़ रहें होते हैं और जैसे ही उनकी बहू आती है वह झटके से उसे छिपाने की कोशिश करते नजर आते हैं। इसी सीन को लेकर पाठक ने कहा है कि सीरीज में सत्यानंद त्रिपाठी उपन्यास पढ़कर बलदेव राज नाम का जिक्र कर रहे हैं, लेकिन बलदेव राज नाम का ऐसा कोई पात्र मेरे उपन्यास में नहीं है। पाठक ने कहा कि अगर उस सीन को सीरीज से नहीं हटाया गया तो वे मिर्जापुर वेब सीरीज के खिलाफ लीगल एक्शन भी ले सकते है।
— Excel Entertainment (@excelmovies) October 30, 2020 |
प्रोड्यूसर्स ने मांगी माफी, हटा लिया गया सीन
रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के प्रोडक्शन हाउस एक्सेल एंटरटेनमेंट के ट्विटर हैंडल पर एक लेटर शेयर पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें लिखा है, 'प्रिय सुरेंद्र मोहन पाठक, यह आपके द्वारा भेजे गए नोटिस से हमारे संज्ञान में आया है कि हाल ही में रिलीज वेब सीरीज मिर्जापुर 2 में एक सीन है, जिसमें सत्यानंद त्रिपाठी नाम का किरदार 'धब्बा' उपन्यास को पढ़ रहा है, जिसे आपने लिखा है। इसके साथ ही उस सीन में उपयोग हुए वॉयसओवर से आपकी और आपके प्रशंसकों की भावनाएं आहत हुई हैं। हम इसके लिए आपसे माफी मांगते हैं और आपको बताना चाहते हैं कि यह किसी भी तरह से आपकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने या नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया गया था। हम जानते हैं कि आप ख्याति प्राप्त लेखक हैं और आपका काम हिंदी क्राइम फिक्शन साहित्य की दुनिया में बहुत महत्व रखता है।' पोस्ट में आगे लिखा है, 'हम आपको सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इसे सुधार लिया जाएगा। हम तीन हफ्ते के भीतर उस सीन में बुक कवर को ब्लर कर देंगे या वॉइसओवर को हटा देंगे। प्लीज अनजाने में आपकी भावनाओं को आहत करने के लिए हमारी माफी को स्वीकार करें।
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