राजीव गांधी ने ब्लास्ट से ठीक पहले कुछ कहा था, क्या कहा था, पढ़ें अनुसुया डेजी की आंखों देखी
राजीव गांधी ने ब्लास्ट से ठीक पहले कुछ कहा था, क्या कहा था, पढ़ें अनुसुया डेजी की आंखों देखी शॉर्ट हेडलाइन राजीव गांधी ने ब्लास्ट से ठीक पहले कुछ कहा था, पढ़ें
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़ी कई जानकारियां अब तक सामने आ चुकी हैं। इनमें अलग-अलग तरह के कई खुलासे हुए हैं, लेकिन सब-इंस्पेक्टर अनुसुया डेजी ने जो आंखो देखा हाल सुनाया है, वह दिल दहलाने वाला है। अनुसुया उस दिन राजीव गांधी की सुरक्षा में तैनात थीं। सीएनएन न्यूज 18 से बातचीत करते हुए अनुसुया डेजी ने बताया कि 21 मई 1991 की सुबह उनके लिए हमेशा की तरह ही थी। उस दिन उन्हें भीड़ को काबू में रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। उस दिन वह राजीव गांधी की दाईं तरफ तैनात थीं। श्री पेरम्बूर में उस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चुनावी रैली थी। डेजी को नहीं पता था कि आने वाले चंद मिनटों में क्या होने वाला है, वह ड्यूटी कर रही थीं। इसी दौरान राजीव गांधी ने उनसे कुछ बातचीत की। हत्या से पहले राजीव गांधी ने जो आखिरी शब्द कहे थे, वह अनुसुया डेजी को आज भी याद हैं।
हत्या से ठीक पहले क्या कहा था राजीव गांधी ने अनुसुया डेजी से, पढ़ें
अनुसुया डेजी को आज भी उस घटना को नहीं भूली हैं। उन्हें उस दिन की हर छोटी-छोटी बात याद है। वह बताती हैं, 'राजीव गांधी के करीब जाने के लिए लोग बेकाबू थे। मैंने गोल घेरा बनाने की कोशिश की। इसी दौरान राजीव सर ने मेरी तरफ इशारा किया कि लोगों को पीछे न धकेलूं। मैं उनके दाएं तरफ मुड़ी और मेरी पुलिस नीचे गिर गई और संतुलन बिगड़ गया था। उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोले- चिंता मत करो। मुझे इस बात की खुशी थी कि प्रधानमंत्री ने मुझसे बात की। मैं मुस्कुराई। ठीक इस घटना के बाद एक लड़की जिसने अपना परिचय कोकिला नाम से कराया, वह राजीव गांधी से बात करने लगी। वह लड़की की बात ध्यान से सुन रहे थे कि अचानक जोरदार धमाका हुआ।
अनुसुया डेजी ने साझा किया धमाके के बाद का मंजर
अनुसुया डेजी याद ने बताया, 'ब्लास्ट के बाद मुझे लगा जैसे मेरे पूरे शरीर में आग लग गई। मुझे लगा मैं मर जाऊंगी, कुछ सेकेंड बाद मैंने अपना सिर उठाया, मैं हैरान थीं कि मैं जिंदा हूं। मुझे लग रहा था कि मैं धीरे-धीरे मर रही हूं। मैंने उठने की कोशिश की, लेकिन पैर नहीं हिला पा रही थी। शरीर सुन्न पड़ गया था और वर्दी जल गई थी। एक सब-इंस्पेक्टर मेरे पास आया। उसने मुझे पानी दिया, पर मैं पानी पी नहीं सकी। मुझे नहीं पता चला कि आसपास मौजूद लोगों का क्या हुआ? मेरे शरीर में इतना दर्द था कि मैं चिल्लाकर कह रही थी मुझे मार दो।
जब डॉक्टर हाथ काटने की बात कर रहे थे
अनुसुया डेजी ने बताया, 'जब दर्द से चिल्ला रही थीं, तब कुछ लोग मुझे उठाने लगे। उस वक्त मुझे लगा कि मैंने अपना बायां हाथ खो दिया है। पुलिस अधिकारी मुझे एक वैन में ले गए। इसके बाद मुझे श्री पेरम्बदूर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। मुझे याद है डॉक्टर कह रहे थे, मेरा बायां हाथ काट देना चाहिए। बाद में मुझे डॉक्टर ने बताया मेरी दो अंगुलियां काट दी गई हैं।
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को फांसी दी जाए
अनुसुया डेजी ने बताया कि उनके छाती में पांच-छह छर्रे थे, शरीर के विभिन्न छर्रों को निकालने के लिए कई बार ऑपरेशन किए गए। अनुसुया बताती हैं कि ऑपरेशन के बाद भी महीने तक उनके शरीर से दर्द नहीं गया। वह कहती हैं राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस हत्या की साजिश रची उन्हें फांसी दी जानी चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद भी दोषी जेल में खुशहाल तरीके से जी रहे हैं। क्या किसी ने इस घटना में अपने परिजनों को खोने वाले लोगों के बारे में कुछ सोचा है?