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28 मई के आदेश का सीएए से नहीं कोई संबंध, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

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नई दिल्ली, जून 14: 28 मई के जारी आदेश को लेकर गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सफाई पेश की है। केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि इसका सीएए से कोई संबंध नहीं है। केंद्र सरकार ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि 28 मई 2021 को गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना का नागरिकता कानून (सीएए) से कोई संबंध नहीं है। इसका उद्देश्य गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा और पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले तीन देशों के गैर-मुस्लिमों को नागरिकता के लिए आवेदन करने की सुविधा प्रदान करना है।

Supreme Court

बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को सीएए के नाम से जाना जाता है। अधिसूचना के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग पार्टी की ओर से वकील हारिस बीरन ने कहा कि 28 मई का आदेश सीएए के 'दुर्भावनापूर्ण डिजाइन' को लागू करने के लिए एक जानबूझकर चाल थी, जिसके बाद अपनी प्रतिक्रिया में गृह मंत्रालय ने काउंटर किया कि 28 मई का आदेश केवल विशेष मामलों में स्थानीय अधिकारियों को शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।

गृह मंत्रालय ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसके 28 मई के आदेश का पांच राज्यों के 13 जिलों में जिला कलेक्टरों को पड़ोसी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुसलमानों को नागरिकता देने का अधिकार देने के आदेश का सीएए से कोई वास्ता नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा में गृह मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम की धारा 16 के तहत अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह ऐसे विदेशियों के नागरिकता आवेदनों के त्वरित निपटान के उद्देश्य से निर्णय लेने के विकेंद्रीकरण की एक प्रक्रिया है। इसका सीएए से कोई संबंध नहीं है। इस पर वकील बीरन ने अपनी शंका व्यक्त करते हुए कहा कि अगर इसका सीएए से कोई संबंध नहीं है, तो 28 मई की अधिसूचना नागरिकता प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए तीन देशों के समान समुदायों को निर्दिष्ट करने का अधिकार कहां से लेती है।

राम मंदिर जमीन घोटाला मामले में संज्ञान ले सुप्रीम कोर्ट, अपनी निगरानी में कराए जांच- रणदीप सुरजेवालाराम मंदिर जमीन घोटाला मामले में संज्ञान ले सुप्रीम कोर्ट, अपनी निगरानी में कराए जांच- रणदीप सुरजेवाला

जिस पर सरकार ने तर्क दिया कि अधिसूचना विदेशियों को कोई छूट प्रदान नहीं करती है और केवल उन विदेशियों पर लागू होती है, जिन्होंने कानूनी रूप से देश में प्रवेश किया है। आवेदकों के पास पासपोर्ट और भारतीय वीजा जैसे वैध दस्तावेज होने जरूरी है। गृह मंत्रालय के हलफनामे में कहा गया है कि किसी भी धर्म का कोई भी विदेशी किसी भी समय भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।

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English summary
Ministry of Home Affairs to Supreme Court 28 May order no relation with CAA
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