'लेह अस्पताल विवाद' पर रक्षा मंत्रालय का बयान, बताया क्यों नहीं थे वहां पर चिकित्सा उपकरण
नई दिल्ली: सीमा विवाद के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा किया। इस दौरान जमीनी हालात का जायजा लेने के बाद पीएम ने गलवान घाटी में घायल हुए जवानों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने जो तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की, उसमें जवानों को न ड्रिप लगी थी, न ही उनके बेड के पास कोई चिकित्सा उपकरण थे। जिस पर विरोध सेना और सरकार पर निशाना साध रहे थे। अब मामले में रक्षा मंत्रालय का बयान सामने आया है। साथ ही मंत्रालय ने इस तरह की अफवाहों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना अपने जवानों को सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाती है। गलवान घाटी से वापस आने के बाद कोरोना वायरस के चलते घायल जवानों को क्वारंटाइन कर दिया गया था, जहां पर पीएम मोदी ने जवानों से मुलाकात की, वो 100 बेड की क्षमता वाला जनरल कांप्लेक्स है, जो जनरल अस्पताल का ही हिस्सा है। क्वारंटाइन में होने के कारण जवानों के पास चिकित्सा उपकरण नहीं दिख रहे थे। इसी परिसर में कुछ दिन पहले सेना प्रमुख ने भी घायल जवानों से मुलाकात की थी। ऐसे में ये बात बिल्कुल ही निराधार है कि पीएम मोदी से मिलवाने के लिए ठीक जवानों को बेड पर बैठाया गया था।
There have been malicious and unsubstantiated accusations in some quarters regarding the status of the facility visited by the Prime Minister Narendra Modi during his visit to General Hospital at Leh on July 03: Ministry of Defence pic.twitter.com/9HfTxENrDL
— ANI (@ANI) July 4, 2020
चीन के खिलाफ भारत के साथ आया जापान, साझा करेगा गुप्त सूचनाएं
कांग्रेस
नेताओं
ने
उठाए
थे
सवाल
कांग्रेस
नेता
अभिषेक
दत्त
ने
पीएम
मोदी
की
फोटो
पोस्ट
करते
हुए
लिखा
कि
ये
अस्पताल
कहां
से
लग
रहा
है,
न
कोई
ड्रिप
,
डॉक्टर
की
जगह
फोटोग्राफर,
बेड
के
साथ
कोई
दवाई
नहीं,
पानी
की
बोतल
नहीं?
उन्होंने
आगे
लिखा
कि
भगवान
का
शुक्र
है
कि
हमारे
सारे
वीर
सैनिक
एकदम
स्वस्थ
हैं।
भारत
माता
की
जय।
वहीं
दूसरी
ओर
कांग्रेसी
नेता
सलमान
निजामी
ने
ट्विटर
पर
लिखा
कि
झूठ
बोलने
के
लिए
ही
पीएम
मोदी
का
जन्म
हुआ
है।
पहले
वो
कहते
थे
कि
हमारे
क्षेत्र
में
कोई
नहीं
आया
है।
इसके
बाद
चीनी
हमले
में
घायल
जवानों
के
साथ
वो
फोटो
शूट
कराते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
निश्चित
रूप
से
मीडिया
उनकी
क्षति
को
नियंत्रित
करता
है,
लेकिन
मुझे
लगता
है
कि
हमारे
क्षेत्र
और
संप्रभुता
को
नुकसान
बहुत
बड़ा
पहुंचा
है।