जनवरी में देश के निर्यात में हुई 5.37 फीसदी की बढ़ोत्तरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जनवरी 2021 में देश के निर्यात 5.37 फीसदी बढ़कर 27.24 अरब डॉलर का हो गया।
नई दिल्ली। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि जनवरी 2021 में देश के निर्यात 5.37 फीसदी बढ़कर 27.24 अरब डॉलर का हो गया। इसके अलावा आयात में भी 2 फीसदी (42 अरब अमेरिकी डॉलर) की बढ़ोत्तरी हुई है। वाणिज्य एवं उद्दोग मंत्रालय के मुताबिक निर्यात में सबसे बड़ा योगदान फार्मास्युटिकल और इंजीनियरिंग सेक्टर का रहा। जनवरी माह में फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र का निर्यात 16.4 फीसद और इंजीनियरिंग क्षेत्र का निर्यात 19 फीसद बढ़ा।
इसके अलावा जिन अन्य क्षेत्रों में स्वस्थ वृद्धि दर्ज की गई, उनमें खाने का तेल (253 प्रतिशत), लौह अयस्क (108.66 प्रतिशत), तम्बाकू (26.18 प्रतिशत), चावल (25.86 प्रतिशत), फल और सब्जियां (24 प्रतिशत), कालीन (23.69) शामिल हैं। प्रतिशत), हस्तशिल्प (21.92 प्रतिशत), मसाले (20.35 प्रतिशत), सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ (19 प्रतिशत), चाय (13.35 प्रतिशत), काजू (11.82 प्रतिशत), प्लास्टिक (10.42 प्रतिशत), और रसायन (2.54 प्रतिशत)।
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इसके अलावा जिन निर्यात क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई उनमें पेट्रोलियम उत्पाद (-37.34 प्रतिशत), कपड़ा (- 10.73 प्रतिशत), और चमड़ा (- 18.6 प्रतिशत) शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ो के अनुसार दिसंबर 2020 में भी आयात में मामूली बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। उस दौरान निर्यात बढ़कर 27.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया था, जबकि आयात 7.56 फीसदी बढ़कर 42.59 अरब डॉलर रहा। इस तरह व्यापार घाटा 15.44 अरब डॉलर पर रहा। दिसंबर 2019 में देश का वस्तु निर्यात 27.11 अरब डॉलर जबकि आयात 39.59 अरब डॉलर रहा था। इसके अलावा सोने का आयात बढ़कर 4.48 अरब डॉलर पहुंच गया था। वाणिज्य मंत्रालय ने तुलनात्मक अध्ययन कर बताया कि दिसंबर 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में व्यापार घाटे में गिरावट दर्ज की गई है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के नवंबर में निर्यात में अक्टूबर की तुलना में गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन नवंबर में यह 8.74 गिर कर 23.52 करोड़ डॉलर के मूल्य के बराबर पहुंचा। नवंबर में पेट्रोलियम प्रोडक्ट, इंजीनियरिंग के सामान, केमिकल और जेम्स-एंड ज्वैलरी के निर्यात में काफी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई। दुनियाभर में कोरोना के केस कम होने और वैक्सीनेशन के चलते आर्थिक गतिविधियां फिर से जोर पकड़ रही हैं।