जैसे को तैसा: जम्मू कश्मीर में आतंकियों के रिश्तेदार हिरासत में तो पुलिस के सभी 11 रिश्तेदार हुए रिहा
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने जम्मू कश्मीर पुलिस में काम कर रहे अफसरों और जवानों के जिन 11 रिश्तदारों को गिरफ्तार किया था, उन सभी को शाम होते-होते रिहा कर दिया गया। हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों ने राज्य पुलिस की 'जैसे को तैसा' कार्रवाई के बाद यह कदम उठाया। दरअसल पुलिस ने हिजबुल के तीन आतंकियों के रिश्तेदारों को हिरासत में ले लिया था। इस बाद अपहरण करने वाले आतंकी हरकत में आए और उन्होंने पुलिस के रिश्तेदारों को रिहा कर दिया। आतंकियों ने 36 घंटे के अंदर पुलिस के 11 रिश्तेदारों का अपहरण कर लिया था। आतंकियों की इस कार्रवाई के बाद घाटी के लोगों में डर और दहशत का माहौल था।
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हिजबुल कमांडर का पिता भी हिरासत में
आतंकियों ने गुरुवार की रात और शुक्रवार की सुबह पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और दक्षिण कश्मीर के कुछ गांवों से 11 लोगों का अपहरण किया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद्य ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि आतंकियों ने सभी 11 रिश्तदारों को रिहा कर दिया है और ये सभी अब अपने घर पहुंच चुके हैं। पुलिस ने आतंकियों के जिन रिश्तेदारों को हिरासत में लिया है उसमें अशादुल्ला नाइकू जो कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के ऑपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू का पिता है। अशादुल्ला को दक्षिण कश्मीर के अवंतिपोरा स्थित उनके घर से हिरासत में लिया गया। अशादुल्ला से पूछताछ करके पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया था।
बदला लेने के लिए किया रिश्तेदारों को अगवा
हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैय्यद सलाहउद्दीन के बेटे सैय्यद शकील अहदम को दरअसल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार कर लिया था। एनआईए की इस कार्रवाई के बाद आतंकियों ने बदला लेने के लिए अपहरण की घटना को अंजाम दिया था। रियाज नाइकू ने शुक्रवार की शाम को एक ऑडियो क्लिप रिलीज किया था। इस ऑडियो क्लिप में रियाज नाइकू ने कहा था कि आतंकियों की लड़ाई भारत के खिलाफ है लेकिन कश्मीर पुलिस भारत की साजिश का शिकार बन गई है। उसने इस क्लिप में कहा है, 'अभी तक हमने यह सब बर्दाश्त किया है और पुलिस को समझाने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने कुछ सुना नहीं। अब आगे से हम ये सब नहीं होने देंगे। अब से जो भी हमारी लड़ाई में कांटा बनेगा, उसका हश्र भी दुश्मन की ही तरह होगा।'
इस वर्ष 33 पुलिसकर्मी आतंकी साजिश का शिकार
जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मुनीर अहमद ने कहा है कि पुलिस आतंकियों मकसद का पता लगाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने साथ ही यह बात भी कही कि पुलिस ने आतंकियों के किसी रिश्तेदार के घर में तोड़-फोड़ नहीं की है और न ही किसी को परेशान किया है। अपहरण की सभी घटनाएं साउथ कश्मीर में हुई और साउथ कश्मीर पिछले कई वर्षों से आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बना हुआ है। इस वर्ष ईद के मौके पर तीन पुलिसकर्मियों की हत्या हो चुकी है। इसके साथ ही घाटी में अब तक 33 पुलिसकर्मी आतंकियों की नापाक साजिशों का शिकार बन चुके हैं।