दिल्ली में स्मॉग की बड़ी वजह, इराक, कुवैत और सऊदी अरब
नई दिल्ली। देश की राजधानी में जिस तरह से हवा जहरीली हो गई है और स्मॉग की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है, उसकी एकमात्र वजह किसानों का पराली जलाना नहीं है, बल्कि इराक, कुवैत, सऊदी अरब में मिड डे डस्ट स्टॉर्म भी जिम्मेदार है। नवंंबर 6 से 14 के बीच दिल्ली में स्मॉग की एक बड़ी वजह यह भी है। यह बात सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च की एक स्टडी में सामने आई है। इस स्टडी को गुरुवार को जारी किया गया है, जिसमे कहा गया है कि 8 नवंबर को 40 फीसदी स्मॉग की एक बड़ी वजह यह भी थी।
पराली
जलाने
से
प्रदूषण
25
फीसदी
25
फीसदी
प्रदूषण
पराली
जलाने
की
वजह
से
है,
बाहरी
वजहों
पर
नजर
डालें
तो
पीएम
लेवल
640
की
जगह
200
रहता
अगर
यह
प्रभाव
नहीं
होता।
अक्टूबर
माह
में
इराक,
कुवैत
और
सऊदी
अरब
में
कई
दिनों
तक
धूल
उड़नी
शुरू
हुई
थी,
जोकि
3-4
नवंबर
तक
जारी
रही।
यह
धूल
ठंडी
हवाओं
की
वजह
से
काफी
दूर
तक
फैली।
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
यह
धूलभरी
हवाल
दिल्ली
तक
पहुंची
है।
रिपोर्ट
के
अनुसार
गल्फ
देशों
से
आने
वाली
धूल
भरी
हवा
40
फीसदी,
प्रदूषण
के
लिए
जिम्मेदार
है,
जबकि
25
फीसदी
पराली
को
जलाना
और
35
फीसदी
यहां
की
स्थानीय
वजहें
प्रदूषण
के
लिए
जिम्मेदार
है।
6 नवंबर को काफी बड़ी संख्या में जलाई गई पराली
रिपोर्ट के अनुसार पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 6 नवंबर को बड़ी मात्रा में पराली को जलाया गया, जिसकी वजह से यहां से आने वाली हवा प्रदूषित हो गई। नेशलन फिजिकलक लैबोरेटरी के शोध के अनुसार प्रदूषित हवा काफी दूर तक की यात्रा तय कर सकती है, मिडिल इस्ट देशों से आने वाली हवा भी दिल्ली की हवा को प्रदूषित कर रही है।
कई वजहें हैं जिम्मेदार
सफर और आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में निर्माण कार्य पर रोक, ट्रकों के आगमन को रोकने से 15 फीसदी प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 से 14 नवंबर के बीच बदलते मौसम और स्थानीय वजहों से प्रदूषण काफी बढ़ा था। हवा का धीमा होना, तापमान का गिरने की वजह से प्रदूषित हवा की एक परत दिल्ली में बन गई, जिसकी वजह से प्रदूषण काफी दिनों हवा में मौजूद रहा।
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