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केंद्र ने कहा- पंजाब के किसानों पर नहीं लगाए बंधुआ मजदूरी कराने के आरोप, मीडिया में चल रही गलत खबरें

केंद्र ने कहा- पंजाब के किसानों पर नहीं लगाए बंधुआ मजदूरी कराने के आरोप: केंद्र

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन खबरों को गलत कहा है जिनमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि बिहार और उत्तर प्रदेश से आए गरीब मजदूरों को बंधुआ बनाने और ज्यादा काम लेने के लिए उन्हें नशा के तौर पर ड्रग्स दिया जा रहा है। शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया एक सेक्शन में इस तरह की खबरें हैं, जो बेबुनियाद हैं। पंजाब सरकार को उनकी ओर से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है। एक चिट्ठी लिखी गई है लेकिन वो मानव तस्करी को लेकर है, उसका किसानों से कोई संबंध नहीं है। मंत्रालय ने साफ किया है कि इसका किसान आंदोलन से भी कोई संबंध नहीं है।

क्या है ये चिट्ठी का मामला

क्या है ये चिट्ठी का मामला

हाल ही में मीडिया में एक रिपोर्ट आई है कि 17 मार्च 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को पत्र लिखा। जिसमें कहा गया है कि 2019 और 2020 में बीएसएफ ने पंजाब की इंटरनेशन बॉर्डर से लगे जिलो में ऐसे 58 मजदूरों को पकड़ा था। ये 58 मजदूर फिरोजपुर, गुरदासपुर,अबोहार और अमृतसर जैसे सीमावर्ती इलाकों से गिरफ्तार किए गए थे। पूछताछ में ये बात सामने आई है कि 58 लोगों में या तो लोग मानसिक रूप में अक्षम थे या फिर वो बहुत ज्यादा कमजोर स्थिति में थे। बीएसएफ ने दावा किया है कि पकड़े इन लोगों से बंधुआ मजदूरी कराई जाती है। पकड़े गए लोगों से खेत में ज्यादा काम कराने के लिए इन्हें ड्रग्स या अन्य नशीली चीजें दी जाती हैं। पकड़े गए लोग बिहार और यूपी के गरीब परिवार के हैं।

पत्र में मानव तस्करी का भी जिक्र

पत्र में मानव तस्करी का भी जिक्र

पत्र में मानव तस्करी के मामले को भी उठाया गया है। जिसे केंद्र ने माना भी है। केंद्र ने पत्र में कहा है, मानव तस्करी सिंडिकेट ऐसे मजदूरों को उनके मूल स्थान यानी उनके घ से पंजाब में काम करने के लिए अच्छी सैलरी देने का वादा कर लाते हैं। लेकिन पंजाब पहुंचने के बाद, उनका शोषण किया जाता है, खराब भुगतान किया जाता है और अमानवीय व्यवहार किया जाता है। खेतों में लंबे समय तक काम करने के लिए, इन मजदूरों को अक्सर दवाएं दी जाती हैं, जो उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं।

विपक्षी दलों ने जताया था एतराज

विपक्षी दलों ने जताया था एतराज

एनडीए से अलग हुए उनके शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने कहा कि यह पत्र राज्य के किसानों को बदनाम करने के उद्देश्य भेजा गया है। शिरोमणि अकाली दल और किसान नेता जगमोहन सिंह ने कहा है कि पंजाब के किसानों को बदनाम करने के लिए सरकार की ये नई रणनीति है। शिरोमणि अकाली दल के नेता जगमोहन सिंह ने कहा है, हमें खालिस्तानी और आतंकी बोलकर केंद्र का मन नहीं भरा तो हमारे खिलाफ अब एक दूसरा सांप्रदायिक कार्ड खेला जा रहा है। आप ही सोचिए कि बीएसएफ द्वारा 2019-20 की रिपोर्ट उस वक्त भेजी जा रही है जब किसान आंदोलन अपने चरम पर है।''

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English summary
central modi govt tells Punjab bihar-up Farm labourers given drugs to work longer bsf
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