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PAK समेत इन देशों के गैर-मुस्लिमों को मिलेगी भारतीय नागरिकता, 31 जिलों के जिलाधिकारियों को मिला अधिकार

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MHA Report: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले गैर-मुसलमानों (हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को) भारतीय नागरिकता दी जाएगी और इसके लिए उसने 9 राज्यों के गृह सचिवों और 31 जिलाधिकारियों को अधिकार दिया है। MHA Report 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक इन तीनों देशों के गैर-मुसलमानों के करीब 1,414 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है।

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जिन 9 राज्यों का जिक्र एमएचए ने अपनी रिपोर्ट में किया है, वो राज्य हैं गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र। यहां गौर करने वाली बात ये है कि ये नागरिकता का अधिकार कानून 1955 के तहत दिया गया है, ना कि नागरिकता (संशोधन) कानून- 2019 के तहत।

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क्या है नागरिकता अधिनियम, 1955?

  • ये कानून व्यक्ति को देश के नागरिक होने का अधिकार देता है। इस नियम में निम्नलिखित पांच बातें माननी अनिवार्य है।
  • यदि व्यक्ति भारत में 26 जनवरी, 1950 के बाद जन्मा हो। ऐसा व्यक्ति जन्म के आधार पर भारत का नागरिक हुआ।
  • यदि व्यक्ति का जन्म 26 जनवरी, 1950 के बाद लेकिन 10 दिसंबर 1992 से पूर्व भारत में हुआ हो लेकिन जन्म के वक्त उनके माता-पिता में से कोई भी एक भारत का नागरिक हो तो वो वंश के आधार पर भारत का नागरिक होगा।
  • भारत सरकार आवेदन प्राप्त होने पर किसी व्यक्ति का भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकरण करती है तो वो पंजीकरण के आधार पर भारत का नागरिक होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति दूसरे देश की नागरिकता को छोड़कर भारत की नागरिकता के लिए आवेदन करता है और भारत सरकार उसे स्वीकार कर देती है तो वो देश का प्राकृतिक रूप से नागरिक होगा।
  • किसी विदेशी एरिया का भारत का हिस्सा बनने पर वहां के लोग भारत के नागरिक बन जाते हैं, जिन्हें कि Area Covered Citizen कहा जाता है।
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क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)

जबकि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों को एक से 6 साल के बीच में भारत की नागरिकता दी जा सकती है। पहले इनमें से किसी को भी भारत का नागरिक बनने के लिए 11 साल तक यहां रहना अनिवार्य था। इस कानून के तहत देश में अवैध प्रवासियों को रोकना था। इस कानून के तहत अवैध प्रवासी वो हैं जिनके पास अपना कोई वैलिड प्रमाणपत्र नहीं हैं और वो इंडिया में बिना पासपोर्ट और वीजा के रह रहे हैं या फिर वो आए तो वैद्य कानून के तहत तो भारत आए लेकिन वो निश्चित अवधि से ज्यादा वक्त यहां गुजार चुके हैं।

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DEEPAK SAXENA
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English summary
Non-Muslims from Pakistan, Bangladesh and Afghanistan will get Indian citizenship, DM of 31 districts got rights said MHA. See Details.
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