UN मानवाधिकार उच्चायुक्त से मुलाकात से पहले बोलीं विजय सिंह ठाकुर, J&K में तेजी से सुधर रहे हैं हालात
नई दिल्ली- गुरुवार को भारत का एक उच्चस्तरीय प्रतनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट से मुलाकात करेगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) विजय ठाकुर सिंह करेंगी। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार उच्चायुक्त को जम्मू-कश्मीर की ताजा हालात की जानकारी देगा।
बता दें कि इससे पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर पाकिस्तान की झूठ को बुरी तरह बेनकाब करके रख दिया था। अब इसी मुद्दे पर विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) विजय ठाकुर सिंह की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट से मुलाकात करके और जानकारी देने जा रहा है।
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान के आरोपों पर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। दरअसल, उन्होंने पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस बयान का जवाब दिया था जिसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से जांच करवाने की मांग की थी। अपने भाषण में कुरैशी ने कश्मीर में 'नरसंहार' की आशंका भी जाहिर की थी।
अब भारत को फिर से वहां पाकिस्तानी करतूतों की पोल खोलने का मौका मिल रहा है। इस मुलाकात से पहले विजय ठाकुर सिंह ने कहा है कि "जम्मू-कश्मीर में परिस्थितियां तेजी से सामान्य हो रही हैं मैं समझती हूं कि उन्होंने इसकी सराहना की है और हम उनके साथ संपर्क बनाए रखेंगे।.....बेशक...बेशक हमनें उन्हें पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को समर्थन और आतंकियों की मदद से जम्मू-कश्मीर में लगातार गड़बड़ी फैलाने की कोशिशों के बारे में बताया...."
गौरतलब है कि मंगलवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री को मुंहतोड़ जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्वी) विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान के आरोपों को झूठा और पड़ोंसी देश को 'आतंकवाद का केंद्र' करार दिया था। उन्होंने कहा था कि 'एक प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे आरोपों और फर्जी तथ्यों के आधार पर झूठ की रनिंग कमेंट्री की है। दुनिया को पता है कि वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से फर्जी कहानियां सामने लाई जाती हैं, जहां आतंकवाद के रिंग लीडर्स को वर्षों से संरक्षण मिला हुआ है। '
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