7/11 पर मकोका कोर्ट का फैसला, 13 में से पांच दोषी करार
मुंबई। आज पूरे देश की निगाहें मुंबई में मकोका कोर्ट की ओर से आने वाले एक बड़े और अहम फैसले पर लगी हुई थीं। स्पेशल मकोका कोर्ट मुंबई की लोकल ट्रेनों में 11 जुलाई 2006 को हुए सीरियल ब्लास्ट्स केस में 13 में से पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। इन ब्लास्ट्स में 189 लोगों की जान चली गई थी तो वहीं 900 लोग घायल हो गए थे।
ब्लास्ट में सात बमों को चर्चगेट और भायंदर के बीच चलने वाली लोकल ट्रेनों के कंपार्टमेंट में रखा गया था। प्रेशर कुकर में रखे गए इन बमों में जब ब्लास्ट हुआ तो उसने पूरी मुंबई को दहला कर रख दिया। देखते ही देखते मुंबई में 189 लोगों की जान इन ब्लास्ट्स में चली गई।
कई वर्षों तक चली जांच के बाद आज यह केस अपने निष्कर्ष पर पहुंच सकता है। कोर्ट ने ब्लास्ट में 11,600 पेजों की चार्जशीट तैयार की थी और 197 लोगों को अभियोजन पक्ष के गवाहों के तौर पर पेश किया गया। वहीं 57 लोगों बचाव पक्ष के गवाही के लिए आए थे।
चार्जशीट में जांच एजेंसी ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अजीम चीमा को मुख्श् साजिशकर्ता माना। इस केस के ट्रायल में देरी इसलिए भी हुई क्योंकि एक आरोपी ने जांच एजेंसी की ओर से उस पर लगाए गए कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी। इसके बाद वर्ष 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगा दी जो कि 2010 तक जारी थी।