नाम बदलना भी नहीं आया येदियुरप्पा के काम, कर्नाटक में लग सकता है राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली- कर्नाटक में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने ज्योतिषियों की सलाह पर अपने अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग में फेरबदल किया है। लेकिन, लगता है कि फिलहाल उनका ये तिकड़म भी तत्काल असर नहीं करने वाला है। खबरें हैं कि बीजेपी कांग्रेस-जेडीएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर के फैसले से पहले सरकार बनाने का दावा नहीं पेश करना चाहती। गौरतलब है कि इन्हीं बागी विधायकों के चलते ही एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी और भारतीय जनता पार्टी उनपर विधानसभा अध्यक्ष का फैसला आने से पहले कोई जोखिम लेना नहीं चाहती। ऐसी स्थिति में बीजेपी की ओर से यही संकेत मिल रहे हैं कि कर्नाटक में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन के संकेत
कर्नाटक में बीजेपी नई सरकार बनाने को लेकर आगे बढ़े या नहीं इसको लेकर गुरुवार को प्रदेश बीजेपी के नेता जगदीश शेट्टार, बासवाराज बोम्मई और अरविंद लिंबावली ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। बाद में बीजेपी के एक प्रवक्ता जी मधुसुदन ने बताया कि 'अगर बागियों का इस्तीफा स्वीकार करने या खारिज करने में स्पीकर ज्यादा समय लेते हैं, तो गवर्नर (वजुभाई वाला) राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकते हैं, क्योंकि ऐसी स्थिति में हम सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करना चाहेंगे।'
बीजेपी को किस बात की है आशंका?
इसी महीने की शुरुआत में कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, अभी तक स्पीकर ने उसपर फैसला नहीं लिया है। जबकि, एक विधायक अपना इस्तीफा वापस भी ले चुका है। जब तक इन विधायकों के इस्तीफे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती वे सदन के सदस्य बने हुए हैं और इसलिए सदन की कुल सदस्य संख्या मनोनीत सदस्य को मिलाकर 225 बनी हुई है। ऐसी स्थिति में बहुमत का जादुई आंकड़ा 113 होना चाहिए, जबकि बीजेपी के पास उस दिन सदन में सिर्फ 105 विधायकों का ही समर्थन था। लेकिन, अगर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है, तो बीजेपी को कामचलाऊ बहुमत जुटा लेने की उम्मीद है। बीजेपी प्रवक्ता के मुताबिक, 'अगर दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिल जाता है और गवर्नर सरकार बनाने के बाद बहुमत साबित करने के लिए कहते हैं, तब भी हमारे पास स्पष्ट बहुमत के लिए 6 सदस्य कम पड़ेंगे।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा भी यही बात कह चुके हैं कि कर्नाटक में स्थाई सरकार देने के लिए बीजेपी के पास आंकडे़ नहीं हैं और 2 या 3 विधायक भी सरकार को खतरे में डाल सकते हैं।
येदियुरप्पा का नाम बदलना भी नहीं आ रहा काम
कर्नाटक के पूर्व सीएम और मौजूदा समय में फिर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर अपने अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग से एक डी हटा दिया है और उसकी जगह आई जोड़ दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखे उनके लेटर में लेटरहेड पर उनके नाम की स्पेलिंग बदली हुई थी। पार्टी नेताओं का कहना है कि पुरानी स्पेलिंग वाला नाम उनके लिए भाग्यशाली नहीं था। उन्होंने कहा कि तीनों बार वह कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक सीएम रहे। लेकिन कभी भी पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया। अब, एक ज्योतिषी की सलाह के आधार पर उन्होंने अपने नाम में बदलाव किया है।
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