मथुरा हिंसा: उपद्रवियों के नेता रामवृक्ष यादव के मारे जाने की संभावना!
मथुरा।
मथुरा
के
जवाहरबाग
में
अतिक्रमण
हटाने
गई
पुलिस
टीम
पर
उपद्रवी
ने
हमला
बोल
दिया।
इस
हमले
में
पुलिस
के
दो
अफसर
सहित
22
लोगों
की
मौत
हो
गई।
मरने
वालों
में
करीब
17
लोग
आजाद
भारत
विधिक
वैचारिक
सत्याग्रही
नाम
के
संस्था
के
सत्याग्रही
हैं।
पुलिस
हालांकि
अभी
और
सत्याग्रहियों
की
मौत
की
आशंका
से
इंकार
नहीं
कर
रही
है।
यही
है
रामवृक्ष
यादव
जिसके
इशारे
पर
मथुरा
में
मचा
मौत
का
तांडव
इस बीच चर्चा शुरु हो गई है कि सारे फसाद की जड़ और सत्याग्रहियों का नेता रामवृक्ष यादव भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया या अन्य लोगों की तरह भागने में सफल रहा है।
यह सवाल इसलिए भी खड़ा हो जाता है कि न पुलिस उसके मरने की पुष्टि कर रही है और नही उसके फरार होने की। पुलिस की लिखा-पढ़त में उसके गिरफ्तार होने का भी जिक्र नहीं है। डीजीपी ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में जो कहा है उसे जरा ध्यान से पढि़ए। डीजीपी ने कहा कि ''अगर रामवृक्ष यादव जिंदा होगा तो उसपर जरूर कार्रवाई की जाएगी।''
मुठभेड़ में मारे जाने की संभावना ज्यादा
जानकारी के मुताबिक जब पुलिस जवाहरबाग में घुसी तो सत्याग्रहियों ने फायरिंग शुरु कर दिया। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी पुलिस टीम को लीड कर रहे थे और उनके बराबर में SO संतोष यादव थे। फायरिंग होते देख संतोष यादव ने बहादुरी दिखाते हुए एसपी सिटी को बचाने का प्रयास किया, इस चक्कर में कई गोलियां उन्हें भी लगी।
इन दोनों अधिकारियों को गोली लगने के बाद पुलिस ने आपा खो दिया और अपने बंदूक का मुंह सत्याग्रहियों की तरफ खोल दिया। बताया जा रहा है कि पुलिस पर पहली फायरिंग करने वाला रामवृक्ष ही था जो पुलिस की जवाबी कार्रवाई में ढ़ेर हो गया। हालांकि रामवृक्ष की मौत पर अभी संदेह है। पुलिस की चुप्पी भी सस्पेंस बढ़ा रही है।