दिल्ली पर मंडराया बड़ा खतरा, 8.5 तीव्रता के भूकंप की आशंका: स्टडी
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में भयानक भूकंप आने की आशंका जताई जा रही है। ताजा अध्ययन में यह बात कही गई है। इस अध्ययन में ये कहा गया है कि हिमालय क्षेत्र में 'बहुत अधिक खिंचाव' की स्थिति पैदा होने के कारण 8.5 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है जिससे भारी पैमाने पर नुकसान की आशंका व्यक्त की गई है। हालांकि इसको लेकर वैज्ञानिकों ने पहले भी चेताया था। दिल्ली भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है और इसीलिए खतरा ज्यादा है।
दिल्ली पर मंंडराया भयानक भूकंप
दिल्ली में अगर 8.5 तीव्रता या इससे अधिक का भूकंप आया तो राजधानी की 20 प्रतिशत बिल्डिंग ही बचेंगी। दिल्ली तीन फॉल्ट लाइनों- पर बसा हुआ शहर है। ये फॉल्ट लाइन सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद हैं। जबकि सबसे अधिक संवेदनशील गुड़गांव है जिसके आसपास सात फॉल्ट लाइन मौजूद हैं। एक पुराने स्टडी में, यमुना की बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में उन स्थानों को चिह्नित किया है जहां भूकंप का खतरा सबसे अधिक है।
भूकंप के तेज झटकों को नहीं झेल पाएंगी राजधानी की अधिकांश इमारतें
बेंगलुरु स्थित जवाहर लाल नेहरू सेंटर फॉर अडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च के सिस्मोलॉजिस्ट सी.पी.राजेंद्रन का कहना है कि 1315 और 1440 के बीच आए भयानक भूकंप के बाद से मध्य हिमालय का ये क्षेत्र भूकंप के लिए लिहाज से शांत रहा है, लेकिन अब भूगर्भिक क्षेत्र में काफी खिंचाव की स्थिति पैदा हो गई है।
20 फीसदी इमारतें ही बच जाएंगी भूकंप के बाद
साल 2001 में कच्छ के भूकंप के बाद दिल्ली को जोन तीन से जोन चार में शिफ्ट कर दिया गया था। दिल्ली की अधिकांश इमारतें पहले की डिजायन में बनी हुई हैं और इस प्रकार के भयानक भूकंप को झेलने की क्षमता उनमें नहीं है। लुटियन दिल्ली, सरिता विहार, पश्चिम विहार, वजीराबाद, करोल बाग और जनकपुरी भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हैं। JNU, AIIMS, छत्तरपुर, नारायणा और वसंतपुर भूंकप को झेल सकते हैं। दिल्ली सरकार की अधिकतर इमारतें भूकंप के केंद्र में हैं।