हाफिज सईद के बाद मसूद अजहर ने पाक को चेताया, 'एटम बम है, अमेरिका के सामने मत झुको'
अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोके जाने के बाद पाकिस्तान में यह बहस चल रही है कि हक्कानी नेटवर्क पर रोक लगाया जाना चाहिए या नहीं
नई दिल्ली। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान को अमेरिका के सामने ना झुकने की सलाह दी है। मसूद अजहर ने कहा है कि पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद डरा हुआ है जबकि पाकिस्तान को डरने की जरूरत नहीं है। मसूद ने कहा है कि पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि उसके पास एक बड़ी फौज है और खुद एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है। पाकिस्तान को अमेरिका से समझौता नहीं करनी चाहिए। उसे यह भी याद रखना चाहिए कि अमेरिका अकेला नहीं है, उसके साथ भारत भी है।
पाकिस्तान को अमेरिका से मुक्त होना होगा
एक ऑडियो जारी कर मसूद ने कहा है कि पाकिस्तानी मीडिया और बौद्धिक वर्ग से जुड़े लोग डोनाल्ड ट्रंप की मांग को पूरा करने की सलाह देकर अपने देश के लोगों के अंदर डर पैदा कर रहे हैं। अजहर ने कहा है कि अगर पाकिस्तान खुद को बचाना चाहता है तो उसे अमेरिका से मुक्त होना होगा। जो अमेरिका अफगानिस्तान में तालिबान को नहीं हरा पाया वो क्या पाकिस्तान को कुछ नुकसान पहुंचा पाएगा।
पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क को लेकर बहस चल रही है
अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोके जाने के बाद पाकिस्तान में यह बहस चल रही है कि हक्कानी नेटवर्क पर रोक लगाया जाना चाहिए या नहीं। ऐसे नेटवर्क पाकिस्तान में आतंकी हमले के बजाए जनकल्याण कार्यक्रम का आयोजन करते रहते हैं, लेकिन यही भारत, अफगानिस्तान समेत अन्य मुल्कों में आतंकी घटना कोअंजाम देते हैं। मसूद अजहर ऑडियो में यह कहते सुना जा रहा है कि 16 साल पहले पाकिस्तानी हुक्मरानों ने अमेरिकी ताकतों को अफगानिस्तान पर हमला करने के लिए जमीन मुहैया कराई। हर तरह की सुविधाएं दी। उस लड़ाई में अरब और अफगान के लोग मारे गए।
मसूद अजहर को 1994 में भारतीय सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया था
आपको बता दें कि मसूद अजहर को 1994 में भारतीय सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन 5 साल बाद 1999 में कंधार विमान अपहरण कर आतंकियों ने विमान में सवार बंधकों के बदले उसे छुड़ा लिया था। गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता के बाद पाक के आंतकी मसूद अजहर ने अपने संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का नाम बदल दिया है। जैश-ए-मोहम्मद का ये नाम बहुत ही गोपनीय तरीके से किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस बदलाव का कारण भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में लगातार मसूद अजहर के खिलाफ वैश्विक प्रतिबंध लगाने का दबाव है।
जैश-ए-मोहम्मद से बदलकर अल मुरबितून रखा नाम
बताया जा रहा है कि आंतकी मसूद अजह इस संगठन का नाम अब जैश-ए-मोहम्मद से बदलकर अल मुरबितून रख दिया है। इसी नाम से अब वो अपनी गतिविधियों का अंजाम दिया करेगा। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक नाम के साथ-साथ इस संगठन की संरचना में भी बदलाव किया गया है। आपको बता दें कि इस संगठन से ना सिर्फ दूसरे आतंकी संगठनों की फंडिंग करते हैं, बल्कि अब ये पाकिस्तान के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेज कैम्पस में पांव जमाने की कोशिश कर रहे हैं।
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