मराठवाडा में रोज औसतन तीन किसान कर रहे हैं आत्महत्या, 21 दिनों में हुई 66 मौतें
औरंगाबाद। मराठवाड़ा और किसानों की आत्महत्या जैसे एक ही सिक्के के दो पहलू बन गए हैं। सरकार की अनदेखी, कृषि उपज का उत्पादन खर्च और उसके बदले में मिलने वाला न के बराबर लाभ, सब मिलकर किसानों को आत्महत्या की ओर ले जाते हैं। मराठावाड़ में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े बड़े ही भयावह हैं यहां प्रतिदिन औसतन 3 किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
सरकार भले ही खेती-किसानी के लिए कितनी भी योजनाओं की घोषणा कर ले लेकिन आत्महत्या करने वालों की संख्या में कमी होने की बजाए वृद्धि होती जा रही है। बीते 21 दिनों में मराठवाडा में 66 किसानों ने आत्महत्या की है। यदि औसत देखें तो अमूमन हर दिन लगभग तीन किसान मौत को गले लगा रहे हैं। यदि कुल देखें तो 25 मार्च तक मराठवाड़ा में 221 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बीते साल इस तारीख तक यह आँकड़ा 191 था लेकिन इस बार इसमें 30 की बढ़ोत्तरी हुई है। विशेषज्ञों ने मराठवाड़ा में बढ़ती आत्महत्या को चिंताजनक बताया है।
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