एक ट्रांसफर के लिए भाजपा के दो सांसदों की चिट्ठी, क्या करें पर्रिकर?
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को अपनी ही पार्टी के दो सांसदों के कारण एक ट्रांसफर के मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, भारतीय जनता पार्टी के ही दो सांसदों के बीच में टेंशन में पड़ गए।
वो भी उस वक्त जब भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक 2 दिन बाद 1 अक्टूबर को पर्रिकर एक ट्रांसफर कराने के मामले में उनके मंत्रालय के पास दो चिट्ठी भेजी गई।
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तब देहरादून में थे पर्रिकर
अंग्रेजी अखबार इकॉनमिक टाइम्स के अनुसार 1 अक्टूबर को पर्रिकर उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में थे। इस दौरान उनकी मुलाकात जूनियर टेक्निशियन सुबोध कुमार से हुई जो रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में काम करते हैं।
रक्षा मंत्री पर्रिकर को इस मामले में इसलिए हस्तक्षेप किया क्योंकि इसमें भाजपा के ही दो सांसद एक दूसरे के खिलाफ थे।
मामले में एक पक्ष कुमार का ट्रांसफर देहरादून से उत्तर प्रदेश के कानपुर में कराने के लिए रक्षा मंत्रालय के संपर्क में था और दूसरा पक्ष चाहता था कि कुमार का ट्रांसफर न हो।
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ट्रांसफर के इस मामले में दूसरे पक्ष यानी उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने पत्र लिखा कर आग्रह किया कि कुमार के माता-पिता बीमार हैं साथ ही उनका भाई भी विभिन्न रूप से सक्षम है।
इसलिए उनका स्थानांतरण न हो।
सहारनपुर के सांसद ने कहा
वहीं पहले पक्ष में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से भाजपा सांसद राघव लखनपाल ने कुमार का स्थानांतरण कराने के लिए मंत्रालय को पत्र लिखा।
मामले में कुमार का कहना है कि लखनपाल की ओर से दबाव है, जो मेरी पत्नी के परिवार को जानते हैं लेकिन मेरी कभी नहीं सुनी गई।
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मुझसे इस आश्वासन के साथ कानपुर रिपोर्ट करने को कहा गया कि जल्द ही मुझे वापस देहरादून बुला लिया जाएगा।
अखबार के मुताबिक इस मामले में रक्षा मंत्रालय को भेजे गए सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। साथ ही कुमार की पत्नी ने मंत्रालय से कहा है कि वो (कुमार) बीते साल से ही उन्हें परेशान कर रहे हैं और उनके साथ मार-पीट की जा रही है।