मणिपुर चुनाव: प्रत्याशियों से चुनाव बाद पार्टी छोड़कर ना जाने की कसम लेगी कांग्रेस!
इंफाल, 25 जनवरी: मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाए गए लोगों से कांग्रेस वफादारी की शपथ चाहती है। पार्टी सभी प्रत्याशियों से ये वादा चाहती है कि वे चुनाव के बाद भी पार्टी के प्रति वफादार रहेंगे। गोवा में कांग्रेस ने प्रत्याशियों को वफादारी की शपथ दिलवाई है, मणिपुर में भी कांग्रेस ऐसी तरह की योजना बना रही है।
मणिपुर में 2017 में कांग्रेस के जितने विधायक जीते थे, उनमें से तकरीबन आधे (42 फीसदी) विधायक बीते साढ़े चार साल में पार्टी छोड़कर भाजपा में चले गए। ऐसे में चुनावव बाद अपने विधायकों के दलबदल को रोकने के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों से वफादारी की कसम चाहती है।
मणिपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य प्रद्युत बोरदोलोई का कहना है कि जिनको टिकट दिया गया है, हम उनसे निष्ठा की शपथ लेने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि हम किसी पर अविश्वास करते हैं या उनमें किसी आत्मविश्वास की कमी है। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि पार्टी ने जिन लोगों को चुनाव में उतारा है, वो पूरी तरह से कांग्रेसी हैं। वे दर्द, पीड़ा, खुशी, हर वक्त में कांग्रेसी बने रहेंगे लेकिन हमें फिर भी एक निष्ठा की शपथ की जरूरत है।
गोवा में भी दिलाई शपथ
गोवा में भी कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों को ईश्वर के सामने शपथ दिलाई गई है कि वे निर्वाचित होने के बाद पाला नहीं बदलेंगे। कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को बस से मंदिर, गिरिजाघर और दरगाह ले गई और उन्हें वहां दल बदल के खिलाफ शपथ दिलाई।
मणिपुर में अगले महीने होना है चुनाव
देश के पांच राज्यों- मणिपुर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर राज्य में विधानसभा चुनाव दो फेज में होंगे। मणिपुर में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोटिंग होगी। 10 मार्च को वोटों की गिनती होगी और नतीजों का ऐलान किया जाएगा। मणिपुर में बीजेपी इस समय सत्ता में हैं। वहीं कांग्रेस मुख्य विपक्षी है। इन दोनों दलों में ही इस चुनाव में मुख्य टक्कर मानी जा रही है। बता दें कि मणिपुर में बीते विधानसभा चुनाव यानी 2017 के चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं और वो सबसे बड़ा दल थी। भाजपा को 60 में 21 सीटें मिलीं थीं लेकिन सरकार बनाने में कामयाब रही थी।
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