West Bengal:ममता बनर्जी ने बीजेपी लीडरशिप के खिलाफ चला बंगाल कार्ड, 'फोन पर हेलो नहीं-जॉय बांग्ला बोलें'
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि हमारी (बंगाल की) आंखें फोड़ना और रीढ़ तोड़ आसान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ नेता जानते थे कि बंगाल की रीढ़ कैसे तोड़ी जा सकती है। यही नहीं उन्होंने एकबार फिर से भारतीय जनता पार्टी के 'जय श्रीराम' और कथित रूप से 'जय हिंद' के नारों के जवाब में वहां के लोगों से 'जॉय बांग्ला' नारे लगाने का आह्वान किया है। गौरतलब है कि भाजपा इस नारे को बांग्लादेश के राष्ट्रीय नारा होने का आरोप लगा रही है।

'हेलो' ना कहें, बल्कि 'जॉय बांग्ला' कहें'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा है 'कुछ नेता हैं, जो बंगाल की रीढ़ कैसे तोड़नी है यह जानते थे। हमारी आंखें फोड़ना और हमारी रीढ़ तोड़ना इतना आसान नहीं है......मैं आप सबसे गुजारिश करती हूं कि जब भी आप किसी फोन कॉल का जवाब दें तो 'हेलो' ना कहें, बल्कि 'जॉय बांग्ला' कहें।' गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने उनपर सार्वजनिक सभाओं में यह नारा लगवाकर इसके जरिए एक 'ग्रेटर बांग्लादेश' पैदा बनाने की कोशिश का आरोप लगा चुके हैं। वो अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए कह चुके हैं कि 'सम्मानित व्यक्ति बांग्लादेशी नारा 'जॉय बांग्ला' लगाते हैं, जो कि मुस्लिम बांग्लादेश का राष्ट्रीय नारा है।'
बांग्ला कविता 'पुर्ण अभिनंदन' से लिया गया है नारा
वैसे यह तथ्य है कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में 'जॉय बांग्ला' नारे को एक विशेष दर्जा प्राप्त था और यह पश्चिमी पाकिस्तान के तानाशाही शासन के खिलाफ वहां खूब लोकप्रिय हुआ था। यह भी सही है कि बांग्लादेश की आजादी के बाद इसे वहां का राष्ट्रीय नारा घोषित किया गया था। लेकिन, बाद में इस नारे को 'बांग्लादेश जिंदाबाद' के नारे से बदल दिया गया। वैसे 'जॉय बांग्ला' नारा संगीतकार और लेखक काजी नजरुल इस्लाम की बांग्ला कविता 'पुर्ण अभिनंदन' से लिया गया है, जो 1922 में लिखी गई थी। यह वही दौर था जब भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन राष्ट्रीय शक्ल अख्तियार कर रहा था और खुद गांधी जी उसकी अगुवाई कर रहे थे।