ममता बनर्जी ने कहा-राहुल गांधी मानते मेरी बात तो त्रिपुरा में नहीं मिलती शिकस्त
नई दिल्लीः शनिवार को आए नतीजों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि त्रिपुरा में परिणाम का कारण माकपा का ''आत्मसमर्पण'' और गठबंधन के लिए कांग्रेस का सहमत नहीं होना है। अगर राहुल गांधी तृणमूल कांग्रेस और स्थानीय पहाड़ी दलों के साथ गठबंधन के लिए राजी हो जाते तो परिणाम अलग हो सकते थे।
ममता ने दावा किया कि चुनाव परिणाम से भारतीय जनता पार्टी को कई राज्यों में होने वाले चुनावों में फायदा नहीं मिलेगा। ममता ने भारतीय जनता पार्टी की जीत को तवज्जो न देते हुए कहा कि भगवा पार्टी कभी भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में चुनाव नहीं जीतेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा एक ऐसा तिलचट्टा है जो पंख लगाकर मोर बनने का सपना देख रहा है। ममता का कहना था कि त्रिपुरा ने महज 26 लाख मतदाता हैं और दो संसदीय सीट हैं। साथ ही वोट का अंतर केवल पांच फीसदी है।
ममता का कहना है कि चुनावों में माकपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ये केवल पांच फीसदी मतों का अंतर है। लेकिन त्रिपुरा में माकपा ने भगवा दल के विरोध में गंभीरता नहीं दिखाई। ममता ने दावा किया कि चुनाव परिणाम से भाजपा को कई राज्यों में होने वाले चुनावों में फायदा नहीं मिलेगा।
ममता का कहना है कि भाजपा को 50 फीसदी मत मिले जबकि माकपा को 45 फीसदी. यह केवल पांच फीसदी का अंतर रहा. उन्होंने कहा, ''अगर राहुल गांधी ने कांग्रेस, तृणमूल और स्थानीय पहाड़ी दलों के बीच गठबंधन के मेरे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया होता तो त्रिपुरा में स्थिति अलग होती।''
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