महात्मा गांधी ने भी किया था आरएसएस के सकारात्मक मूल्यों को स्वीकार: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू
नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा आरएसएस के कार्यक्रम में जाने को लेकर काफी बातें की जा रही हैं। कई लोगों ने इसकी आलोचना की है तो वहीं उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि 'आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे सकारात्मक मूल्यों को स्वीकार करना कोई गलत बात नहीं है। यहां तक की महात्मा गांधी ने आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे सकारात्मक मूल्यों को स्वीकार किया था।'
दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है RSS- नायडू
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारत में 'सकुशल और सुरक्षित' है, इसका कारण कोई व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि इसका कारण भारतीयों का डीएनए है। आरएसएस की तारीफ करते हुए नायडू ने कहा कि ये दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है।
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आरएसएस के शिविर में गए थे गांधी- नायडू
आरएसएस और महात्मा गांधी की बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि, 'यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे सकारात्मक मूल्यों को स्वीकार किया था। नायडू ने का कहा कि जब महात्मा गांधी आरएसएस के शिविर में गए तो उन्होंने कहा 'जब मैं आरएसएस के शिविर में गया, मैं आप लोगों के अनुशासन और छुआछूत की भावना न देखकर चौंक गया था।'
उन्हें गर्व है कि आरएसएस जैसे संगठन से उनका संबंध रहा है- नाएडू
नाएडू ने आगे कहा कि महात्मा गांधी इस बात को जान गए थे कि शिविर में सभी लोग एक दूसरे की जाति की चिंता किए बगैर एक-दूसरे के साथ रह रहे थे। नायडू ने कहा कि उन्हें गर्व है कि आरएसएस जैसे संगठन से उनका संबंध रहा है।
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