महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना की लड़ाई में क्या टूट रही पवार की एनसीपी?
भाजपा-शिवसेना की लड़ाई में टूट रही है एनसीपी?
बेंगलुरु। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद शुरु हुआ ड्रामा खत्म होने का नाम ही नही ले रहा। महाराष्ट्र में सत्ता की सीधी लड़ाई भाजपा-शिवसेना के बीच है, लेकिन इन दोनों की लड़ाई में एनसीपी के टूटने की नौबत आ गई है। शरद पवार की पार्टी में कही टूट न पड़ जाए इसलिए उसने अपने विधायकों को होटल में नजरबंद कर रखा है।
विधान सभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़े। लेकिन भाजपा-शिवसेना में ही मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी। भाजपा ने राज्यपाल से कह दिया था कि वह बहुमत साबित नहीं कर सकते और सरकार बनाने का मौका शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस को मिल गया। लेकिन उस दिन से लेकर अब तक एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच सिर्फ बैठकों का दौर चला, और इसी बीच भाजपा ने से अजीत पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली।
मुख्यमंत्री की कुर्सी की लालच में शिवसेना ने अपनी विरोधी पार्टी एनसीपी और कांग्रेस से हाथ तो मिला लिया लेकिन सरकार बनाने में नाकाम रही। भाजपा से अलग हुई शिवसेना से कांग्रेस-एनसीपी ने गठबंधन बनाकर सरकार बनाने की सोची, लेकिन जो अब हो रहा है इससे सबसे बड़ा नुकसान एनसीपी को होता दिख रहा है।
जो एनसीपी भाजपा की विचारधारा के खिलाफ है, जिसने विरोधी कांग्रेस के साथ गठबंधन में भाजपा के ही खिलाफ चुनाव लड़ा था। शुरुआत में सबको लग रहा था कि शिवसेना और भाजपा की विचारधारा एक है इसलिए भाजपा की ओर से शिवसेना को तोड़ने की कोशिश होगी,लेकिन चुपके-चुपके ही भाजपा ने एनसीपी में सेंध लगा दी और चाचा-भतीजे को एक दूसरे का दुश्मन बना दिया।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार कह भी चुके हैं कि उनके भतीजे अजित पवार ने उन्हें धोखा दिया है। शरद पवार के परिवारिक सदस्य अजीत पवार भाजपा में मिल जाने के बाद कोई एनसीपी अपने किसी विधायक पर भरोसा नहीं कर पा रहा है।
बता दें महाराष्ट्र में शरद पवार कई दिनों से एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना की सरकार बनवाने में जुटे थे, लेकिन ऐन मौके पर उनके भतीजे अजित पवार ने पासा पलट दिया। एनसीपी विधायकों के समर्थन से अजित पवार ने बीजेपी की सरकार महाराष्ट्र में बनवा दी। जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह सीएम पद की शपथ ली और अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए। एनसीपी के लिए शरद पवार के भतीजे अजित पवार फिलहाल सबसे बड़े गद्दार हैं।
आमतौर पर देखा गया है कि पार्टी के गद्दार नेता को पार्टी से निकाल दिया जाता है लेकिन शरद पवार ने ऐसा नहीं किया है । शरद पवार ने अजित पवार को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है और कहा है कि उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
उन पर सख्त एक्ध्शन लिए जाने के बजाय सोमवार को एनसीपी के बड़े नेता अजीत पवार की मान मनौव्वल में जुटे हुए थे ताकि वह भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लें। एनसीपी अजीत पवार की इसी लिए मानने की कोशिश कर रही है क्योंकि सत्ता की लालच में एनसीपी के और भी विधायक टूटकर अजीत पवार के पाले में जा सकते हैं।
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