Maharashtra: अजित पवार की बगावत एनसीपी में बढ़ाएगा सुप्रिया सुले का कद
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस तरह से एनसीपी के भीतर टकराव की स्थिति पैदा हुई और पार्टी के मुखिया शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावती रुख अख्तियार किया है उसके बाद पार्टी के भीतर बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल अजित पवार के बगावती होने से पहले उन्हें पार्टी के भीतर शरद पवार के बाद नंबर दो का नेता माना जाता था, लेकिन जिस तरह से उन्होंने बगावत की है उसके बाद माना जा रहा है कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का पार्टी में कद बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि सुप्रिया सुले अब पार्टी के भीतर बड़ी भूमिका निभा सकती हैं।
सुप्रिया सुले हो सकती हैं नंबर दो नेता
सुप्रिया सुले राजनीतिक में तकरीबन एक दशक से ज्यादा से सक्रिय हैं। उन्हें 2006 में पहली बार राज्यसभा भेजा गया था। जिसके बाद 2009 में उन्होंने बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, जहां से खुद शरद पवार चुनाव लड़ते थे। उसके बाद से सुप्रिया सुले लगातार यहां से पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जबकि शरद पवार ने राज्यसभा का रुख अख्तियार किया। इस तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि सुप्रिया सुले को शरद पवार का वारिस बनाया जा सकता है, लेकिन तमाम अहम मौकों पर अजित पवार पार्टी के भीतर नंबर दो की स्थिति पर बने रहे।
पार्टी में काफी अहम भूमिका थी अजित की
अजित पवार पार्टी के संगठन से लेकर तमाम चुनावी मसलों को देखते थे और उन्होंने पार्टी के भीतर अहम भूमिका निभाई। पार्टी के उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका थी। हाल के विधानसभा चुनाव में कई उम्मीदवारों का अजित पवार ने समर्थन किया था, जिसके बाद उन्हें टिकट दिया गया था। अजित और सुप्रिया के बीच संबंध हमेशा से बेहतर रहे थे, लेकिन अजित के करीबी लोगों का कहना है कि अजित इस बात से खुश नहीं थे क्योंकि शरद पवार सुप्रिया सुले को आगे बढ़ा रहे हैं।
आसान नहीं होगी अजित की वापसी
वहीं दूसरी तरफ सुप्रिया सुले का कहना था कि वह पार्टी की सांसद हैं लिहाजा उनकी भूमिका दिल्ली में है और अजित महाराष्ट्र को देख रहे हैं। लेकिन जिस तरह से अजित पवार ने विद्रोह किया है उसके बाद पार्टी के भीतर की स्थिति बदल सकती है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि क्या अजित पवार की पार्टी में इस कद पर फिर से वापसी होगी। लेकिन जिस तरह का फैसला अजित पवार ने फिलहाल लिया है और अपने फैसले पर टिके रहते हैं तो माना जा रहा है कि सुप्रिया सुले पार्टी में अहम भूमिका निभा सकती हैं। सवाल यह भी है कि अगर अजित वापसी करते भी हैं तो क्या शरद पवार उनपर पहले जैसा भरोसा कर सकते हैं।
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