लोकसभा चुनाव 2019: बिहार में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को महाभारत , छोटे दलों से अपनाया कड़ा रुख
नई दिल्ली: बिहार में भाजपा-जेडीयू और एलजीपी के बीच लोकसभा चुनावों को लेकर गठबंधन फाइनल हो चुका है। वहीं महागठबंधन में अभी तक आगामी चुनावों को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। महागठबंधन की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस और आरेजेडी के बीच सीटों को लेकर सीटों के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही है। वहीं महागठबंधन में शामिल कुछ छोटी पार्टियों ने भी अपने तेवर कड़े कर लिए हैं। ऐसे में महागठबंधन का सीट बंटवारे पर आम सहमति बननी मुश्किल दिख रही हैं।
महागठबंधन में सीटों को लेकर महाभारत
बिहार में महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी(आरएसएलपी),विकासशील इंसान पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और लेफ्ट पार्टियां शामिल हैं। इन सभी की नजरें आरजेडी नेता तेजस्वी यादव औप कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच हाल में बातचीत के नतीजों पर टिकी है। रिपोट्स के मुताबिक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी उपेंद्र कुशवाहा की अगुआई वाली आरएलएसपी के बराबर सीटों की मांग कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ समय पहले ही एनडीए छोड़ा था। लेफ्ट खेमा भी सीट शेयरिंग फॉर्मूले को लेकर सोदेबाजी कर रहा है। सीपीआई कम से कम तीन सीटें मांग रही है, जबकि सीपीआई (एम) की नजरें उजियारपुर सीट पर है। इस सीट से बीजेपी बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद स्वामी सांसद हैं।
'डी राजा ने लालू से रिम्स में की मुलाकात'
सीपीआई के प्रदेश सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि हमारे नेता डी राजा ने पिछले दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से रिम्स में मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने सीपीआई की मांग के बारे में उन्हें जानकारी दी। बेगूसराय, मधुबनी, मोतिहारी और खगड़िया जैसे जिलों में सीपीआई का अच्छा जनाधार है। सूत्रों ने बताया कि सीपीआई लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में कम से कम तीन सीटें चाहती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 23 सीटों पर लड़ने वाली सीपीआई (एमएल) भी महागठबंधन में ज्यादा सीटें चाहती है। उसने पहले से ही बिहार की छह सीटों आरा, सिवान, जहानाबाद, कारेकाट, पाटलिपुत्र और वाल्मीकिनगर से लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है। सीपीआई (एमएल) के सचिव कुणाल का कहना है, 'हम आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं और उनसे सीटों पर बातचीत चल रही है।
दरभंगा सीट को लेकर खींचतान बढ़ी
दरभंगा
लोकसभा
सीट
को
लेकर
भी
महागठबंधन
में
पेंच
फंस
गया
है।
बीजेपी
के
पूर्व
सांसद
कीर्ति
आजाद
ने
हाल
ही
में
कांग्रेस
पार्टा
ज्वाइन
कर
ली
है।
इसके
बाद
इस
सीट
पर
महागठबंधन
के
सहयोगियों
में
विवाद
शुरू
हो
गया।
आजाद
पिछले
लोकसभा
चुनाव
में
बीजेपी
के
टिकट
पर
दरभंगा
सीट
से
जीते
थे
और
इस
बार
भी
वो
यहीं
से
लड़ना
चाहते
हैं।हालांकि,
अब
दिक्कत
यह
है
कि
विकासशील
इंसान
पार्टी(वीआईपी)
नेता
मुकेश
साहनी
भी
दरभंगा
सीट
से
चुनाव
लड़ने
के
इच्छुक
हैं।
वीआईपी
को
आरजेडी
ने
महागठबंधन
में
शामिल
किया
था।
आरजेडी
के
एक
सूत्र
ने
बताया
कि
अगर
कीर्ति
आजाद
कांग्रेस
के
टिकट
पर
दरभंगा
से
लड़ते
हैं
तो
आरजेडी
महागठबंधन
में
वीआईपी
के
लिए
एक
उपयुक्त
सीट
छोड़ेगा।
रिपोट्स
के
मुताबिक
मधेपुरा
के
सांसद
पप्पू
यादव
भी
महागठबंधन
का
हिस्सा
बनने
जा
रहे
हैं।
हालांकि,
कांग्रेस
ने
पप्पू
यादव
की
एंट्री
के
बारे
में
अभी
कोई
फैसला
नहीं
लिया
है।
आरजेडी
के
एक
नेता
ने
बताया
कि
हमारी
पार्टी
पप्पू
यादव
को
महागठबंधन
में
शामिल
नहीं
करना
चाहती।
इसलिए
कांग्रेस
के
लिए
यह
फैसला
लेना
मुश्किल
होगा।