तल्ख तेवरों के बीच शिवसेना ने भाजपा से क्यों किया गठबंधन, उद्धव ठाकरे ने बताई वजह
मोदी सरकार को सीधे तौर पर घेरने वाले उद्धव ठाकरे ने आखिर भाजपा के साथ समझौता कैसे कर लिया। उद्धव ने इसपर जवाब दिया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई तल्ख बयानबाजी और आरोपों के बीच आखिरकार शिवसेना और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। हालांकि पिछले दिनों शिवसेना की तरफ से जिस तरह के तीखे हमले भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार के ऊपर हो रहे थे, उसे देखकर लग रहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां अलग चुनाव लड़ सकती हैं। पिछले साल शिवसेना ने ऐलान भी किया था कि वह 2019 के चुनाव में अकेले ही उतरेगी। लेकिन...सोमवार को भाजपा और शिवसेना ने संयुक्त तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन और सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी।
उद्धव ठाकरे ने बताई वजह
अब सवाल उठ रहे हैं कि इतनी तल्खी और कई मुद्दों पर मोदी सरकार को सीधे तौर पर घेरने वाले उद्धव ठाकरे ने आखिर भाजपा के साथ समझौता कैसे कर लिया। सियासी नफे-नुकसान को लेकर लगाए जा रहे कयासों के बीच उद्धव ने अब इन सवालों पर चुप्पी तोड़ते हुए पहली बार जवाब दिया है। मंगलवार को मुंबई में अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हम लोगों ने भाजपा के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगियों को लेकर अपने रुख में बदलाव किया है। मैंने खुद लोगों से बात करने के प्रति भाजपा के रुख में आए इस बदलाव को महसूस किया है।'
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'समझौते में पहले ही जीत चुका हूं'
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने जोर देकर इस बात को कहा, 'विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा का प्रस्ताव था कि दोनों दलों में से मुख्यमंत्री उस पार्टी का होगा, जिसके सबसे ज्यादा विधायक जीतकर आएंगे, जो शिवसेना को स्वीकार नहीं है। मैं महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री देखना चाहता हूं और इसके लिए मैं काम करूंगा। मैं समझौते में पहले ही जीत चुका हूं और अब हमें चुनाव की असली लड़ाई जीतनी है।' आपको बता दें कि बीते सोमवार को भाजपा और शिवसेना ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में गठबंधन का ऐलान किया। इस गठबंधन के तहत महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
विधानसभा चुनावों को लेकर भी समझौता
दरअसल भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी। गठबंधन का आधिकारिक ऐलान करने से पहले महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा की और बैठक में हुई बातचीत की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी। दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग का जो फॉर्मूला तय किया गया है, उसके तहत भाजपा पालघर लोकसभा सीट पर कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। वहां से 2019 में शिवसेना ही चुनाव लड़ेगी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत भाजपा 26 और शिवसेना 22 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ी थी। भाजपा और शिवसेना के बीच महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सीट शेयरिंग का समझौता भी फाइनल हो चुका है। महाराष्ट्र में इस साल के आखिर में ही विधानसभा चुनाव होने हैं।
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