लोकसभा चुनाव में ये मुद्दा पीएम मोदी को पहुंचा सकता है बड़ा नुकसान? जानिए क्या कह रहे हैं वोटर्स
Recommended Video
नई दिल्ली। आम चुनावों में थोड़ा ही समय बचा है। जैसे हालात हैं उससे तो यह साफ हो चुका है कि इन चुनावों में बेरोजगारी को मुद्दा बनाया जाएगा। विपक्ष इसे लंबे समय से उठा रहा है। इसी बीच एक सर्वे में ये बात सामने आई है कि भारत में अभी भी बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और मोदी सरकार के लिए यह सिरदर्द बन रही है। दिसंबर 2018 में हुए सी-वोटर के सर्व के हवाले से द क्विंट ने खबर लिखी है और वोटरों का मूड जानना चाहा है। आगे की बात करने से पहले आपको बता दें कि जिन लोगों के बीच सर्वे हुआ है, उनमें से 23 प्रतिशत लोगों ने 'बेरोजगारी' को सबसे बड़ी समस्या के रूप में चुना है। इसके अलावा 11 प्रतिशत लोगों ने 'गरीबी/पारिवारिक आय' और 10 प्रतिशत लोगों ने 'भ्रष्टाचार' को देश के लिए समस्या माना।
पीएम मोदी के लिए बुरी खबर, उत्तर भारत में गंवाना पड़ सकता है ज्यादा सीट
मई 2018 में हुए लोकनीति-सेंटर फॉर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के सर्वे के मूड के मुताबिक रोजगारी की कमी से सबसे ज्यादा उत्तर भारत के लोग परेशान हैं। सर्वे में यहां 37 प्रतिशत लोगों ने माना कि बेरोजगारी बड़ी समस्या है जबकि इसके उलट दक्षिण भारत के महज 16 प्रतिशत लोगों ने इसे बड़ी समस्या माना। मोदी सरकार के लिए ये एक बुरी खबर हो सकती है। खामियाजे के तौर पर एनडीए को उत्तर भारत में ज्यादा सीटें गंवानी पड़ सकती हैं। गौरतलब हो कि एनडीए ने 2014 के लोकसभा चुनावों में उसने इस क्षेत्र के 151 में से 131 सीटों पर जीत हासिल की थी।
60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के राज में कोई नौकरी नहीं आई
लोकनीति-सीएसडीएस के सर्वे के मुताबिक, 57 प्रतिशत लोगों का ये मानना है कि पिछले 3-4 सालों में नौकरी तलाशना कठिन हो गया है। बता दें कि ये मोदी सरकार का ही कार्यकाल है। इनमें से 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो बीजेपी को वोट देंगे। अगस्त में हुए इंडिया टुडे-कार्वी के सर्वे के मुताबिक 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि मोदी सरकार के राज में कोई नौकरी नहीं आई या फिर बेरोजगारी को खत्म करने की दिशा में बहुत कम ध्यान दिया गया।