मोदी की मेरठ रैली की वो 3 तीन बड़ी बातें, जो रहीं सबसे अलग
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण को लेकर अब महज कुछ दिन ही बचे हैं, इसी के साथ सभी सियासी पार्टियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। ऐसे में केंद्र में सत्ता संभाल रही बीजेपी भला कैसे पीछे रहती है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभालते हुए गुरुवार को मेरठ में चुनावी रैली को संबोधित किया। इस दौरान जहां पीएम मोदी के निशाने पर विपक्षी पार्टियां रहीं, वहीं देश की सुरक्षा का मुद्दा भी उन्होंने उठाया। रैली में पीएम मोदी बेहद सधे हुए अंदाज में देश के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर मुद्दे पर अपनी बात रखने की कोशिश की। हालांकि पीएम मोदी की गुरुवार को हुई मेरठ रैली में जैसे जनसमूह की उम्मीद थी, वैसी नजर नहीं आई।
गुरुवार की रैली के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ में अब तक तीन रैलियां की हैं। हालांकि उनकी यह रैली भीड़ को देखते हुए पिछली रैलियों की तुलना में बेहद फीकी नजर आई। इस बार मोदी-मोदी की गूंज और भीड़ में 2014 सरीखे जोश की कमी साफ दिखी। पीएम मोदी के आने से पहले वहां लोगों की कम संख्या को देखकर बीजेपी नेता भी थोड़े परेशान नजर आए। हालांकि पीएम मोदी जैसे ही मंच पर आए और चिर-परिचित अंदाज में संबोधन शुरू किया तो रैली स्थल पर सम्मानजनक स्थिति हो गई थी।
'जोर से नारे लगाओ, बेइज्जती कराओगे क्या'
लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद पीएम मोदी की पहली चुनावी रैली को लेकर बीजेपी ने खास तैयारी की थी। इस रैली में एक समय ऐसा भी आया जब बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मंच से नारे लगवाए। इसी दौरान भीड़ में जोश की कमी देखकर बीजेपी सांसद और मुजफ्फरनगर सीट से पार्टी के उम्मीदवार संजीव बालियान ने माइक संभाला और कहा कि नारों में दम नहीं है, भीड़ मुजफ्फनगर से आई है, इसका अहसास कराया जाए। प्रधानमंत्री पहुंचने वाले हैं, अपनी लोकसभा सीट की बेइज्जती कराओगे क्या।
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संगीत सोम के आते ही गूंजा रैली स्थल
मेरठ रैली के दौरान जब सरधना के विधायक संगीत सोम ने संबोधन शुरू किया तो वहां मौजूद जनता के बीच नारेबाजी का दौर शुरू हो गया। संगीत सोम ने इस दौरान कैराना पलायन और मुजफ्फरनगर दंगे का मुद्दा उठाया। वहीं मेरठ से सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान कराए गए विकास कार्य का जिक्र किया है। रैली में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने भी मोर्चा संभाला। उन्हें रैली में संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे उन्होंने शुरू से अंतिम तक संभाला।
जायजा लेने जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ मंच पर आए
मेरठ रैली में पीएम मोदी के आने से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय मंच पर पहुंचे, हालांकि रैलीस्थल पर लोगों की भीड़ कम थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच से चले गए, हालांकि जनसमूह का जायजा लेने के लिए इसके बाद भी सीएम दो बार आए। हालांकि प्रधानमंत्री के आने से ठीक पहले भीड़ बढ़ गई।