सपा-बसपा ने यूपी में 'हाथ' को दिखाया ठेंगा तो राहुल चलेंगे 'तुरुप की चाल'
अखिलेश-मायावती के महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल ना करने की खबरों के बीच अब राहुल गांधी ने एक 'खास प्लान' पर काम करना शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत का परचम लहराने के बाद कांग्रेस (Congress) अब 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) की तैयारियों में जुट गई है। केंद्र की सत्ता के लिए सबसे अहम माने जाने वाले सूबे, यूपी पर कांग्रेस विशेष फोकस कर रही है और पार्टी के दिग्गज नेता 80 लोकसभा सीटों वाले इस प्रदेश के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और मायावती (Mayawati) के बीच होने वाले महागठबंधन (Mahagathbandhan) में कांग्रेस को शामिल ना करने की खबरों के बीच अब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक दूसरे खास प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि अगर सपा-बसपा (SP-BSP) ने महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया तो इस विशेष प्लान को ही अमल में लाया जाएगा।
मायावती के जन्मदिन पर कांग्रेस को न्यौता नहीं
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान सियासी हालातों को देखते हुए हमारी पार्टी को यूपी में हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा। सपा (SP)और बसपा (BSP)ने कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल करने के मुद्दे पर अभी तक चुप्पी साध रखी है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की बैठक से भी अखिलेश यादव और मायावती ने दूरी बनाई थी। आगामी 15 जनवरी को बहुजन समाज पार्टी ने मायावती के 63वें जन्मदिन के मौके पर लखनऊ (Lucknow) में एक बैठक बुलाई है, जिसमें कई संभावित सहयोगियों को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक के लिए कांग्रेस को अभी तक कोई न्यौता नहीं मिला है।
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'हम तो पहले से चुनाव मोड में हैं'
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी यूपी में जल्द ही अलग-अलग स्तर पर बैठकों का आयोजन करेगी और प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हिंदी बेल्ट के तीन राज्यों में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का खोया हुआ आत्मविश्वास फिर से लौट आया है। यूपी कांग्रेस के नेता प्रकाश जोशी कहते हैं कि हम पहले से ही चुनाव मोड में हैं और हम लोगों ने 2019 के चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी लोकसभा की ज्यादातर सीटों पर बूथ स्तर के सम्मेलन कर चुकी है और उम्मीदवारों की पहचान की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
क्या है कांग्रेस का 'प्लान यूपी'?
महागठबंधन में शामिल होने के सवाल पर प्रकाश जोशी ने कहा, 'महागठबंधन का हिस्सा बनना या ना बनना पार्टी हाईकमान का फैसला होगा, लेकिन एक संगठन के रूप में हमें किसी भी स्थिति और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व को सुझाव दिया है कि सपा-बसपा अगर कांग्रेस को साथ लेते भी हैं तो काफी कम सीटों का ऑफर दे सकते हैं, ऐसी स्थिति में हमें एक प्लान-B तैयार रखना चाहिए।' हालांकि बसपा या सपा के साथ अभी तक कोई औपचारिक बातचीत नहीं हुई है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि दोनों पार्टियां केवल दो सीटें अमेठी और रायबरेली ही कांग्रेस के लिए छोड़ सकती हैं। वहीं, सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि वे दोनों पार्टियों से 15 सीटों की मांग करेंगे, लेकिन 8-10 सीटों पर समझौता करने के लिए भी तैयार हैं।
'कांग्रेस ने जो बोया है, अब वही उन्हीं मिलेगा'
इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से मना करते हुए एक बसपा नेता ने केवल इतना कहा कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जो बोया है, अब वही उन्हीं मिलेगा। वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी ने कहा, 'अभी गठबंधन के गठन पर कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा। हम यूपी में समान विचारधारा वाले दलों का महागठबंधन बनाने की कोशिश में जुटे हैं। मैं अभी यह नहीं बता सकता कि कांग्रेस पार्टी गठबंधन की सदस्य होगी या नहीं। कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दल अपनी पार्टी के आधार को मजबूत करने और अपने उम्मीदवारों का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं।'