लॉकडाउन के बीच ओडिशा के समुद्र तट पर अंडे देने पहुंचे 8 लाख कछुए, जानिए इसके पीछे की वजह
भुवनेश्वर। कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। वहीं, इस लॉकडाउन के बाद देश के कई राज्यों में देखा गया है कि बड़ी संख्या में जानवर सड़कों पर निकलकर बिना किसी रोक-टोक के घूम रहे हैं। इसी तरह, ओडिशा के समुद्र तट पर करीब 8 लाख ओलिव रिडले कछुए अंडे देने आ गए हैं। समुद्र तट पर चारों तरफ केवल रिडले कछुए ही दिखाई दे रहे हैं।
समुद्र तट पर अंडे देने पहुंचे कछुए
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रुसीकुल्या में इन कछुओं ने करीब 6 करोड़ अंडे दिए हैं। कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में लॉकडाउन के बाद मछुआरों और टूरिस्टों की गतिविधियां समुद्र तट पर रूक गई हैं जिसका असर ये हुआ है कि बड़ी संख्या में कछुए समुद्र तट पर पहुंच गए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इंसानी गतिविधियां रूक जाने के कारण ही ये कछुए समुद्र तट पर अंडे देने पहुंचे हैं। ये कछुए पिछले पांच दिनों में यहां जमा हुए हैं।
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6 किलोमीटर लंबा है समुद्र तट
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 मार्च को करीब दोपहर 2 बजे 2000 मादा रिडले समुद्र तट पर दिखाई दीं। ऐसा माना जाता है कि मादा कछुए उसी समुद्र तट पर वापस लौटती हैं जहां उन्होंने अंडे दिए थे। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, लॉकडाउन ने लोगों को अपने घरों में रहने को मजबूर किया है और इस कारण गहिरमाथा समुद्र तट पर करीब 8 लाख ओलिव रिडले पहुंचे हैं। ये समुद्र तट करीब 6 किलोमीटर लंबा है। रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार 72,142 से अधिक ओलिव रिडले घोंसले खोंदने और अंडे देने समुद्र तट पर पहुंचे हैं।
हर घोंसले में औसतन 100 अंडे होते हैं
प्रत्येक घोंसले में औसतन 100 अंडे होते हैं और इनके पूर्ण होने की अवधि करीब 45 दिन होती है। वन विभाग का दावा है कि इस साल कछुओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। लॉकडाउन के कारण इस समुद्र तट पर पर्यटकों को जाने की इजाजत नहीं है। हालांकि, शोधकर्तां और पर्यावरणविदों को इससे छूट मिली है। देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ओडिशा सहित देश के अधिकांश राज्यों में इस वायरस से संक्रमित मरीज सामने आए हैं। देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 900 के करीब जा पहुंची है जबकि इस वायरस के कारण अभी तक 19 लोगों की मौत हुई है।