जानेमाने साहित्यकार चंद्रशेखर रथ का निधन
भुवनेश्वर। मशहुर साहित्यकार चंद्रशेखर रथ का निधन हो गया है। वो 89 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रथ ने शुक्रवार को भुवनेश्वर में आखिरी सांसे लीं। चंद्रशेखर रथ ना सिर्फ ओडिशा बल्कि भारत के बड़े साहित्यारों में शुमार होते हैं। सरकार ने साहित्य के क्षेत्र में उनकी सेवाओं को देखते हुए इस साल उनका नाम पद्म श्री अवार्ड के लिए चुना था। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पटनायक ने कहा कि जो साहित्य रथ ने छोड़ा है, वो हमेशा उन्हें हमारे दिलों में जिंदा रखेगा। उन्होंने रथ के निधन को साहित्य क्षेत्र और देश के लिए बड़ी क्षति कहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी चंद्रशेखर रथ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
बलांगीर जिले के मालपड़ा में 17 अक्तूबर,1929 को जन्मे चंद्रशेखर रथ ओडिशा के कथाकार व साहित्यकारों में शामिल हैं। उन्होंने अनेक कहानी, उपन्यास एवं कविताएं लिखीं। ओडिशा साहित्य अकादमी, शारला पुरस्कार, अतिबडी जगन्नाथ दास पुरस्कार व केन्द्र साहित्य अकादमी पुरस्कार उन्हें प्राप्त हो चुका है। यंत्रारुढ़, असूर्य उपनिवेश व नवजातक आदि तीन उपन्यासों की रचना करने के साथ-साथ 16 शॉर्ट स्टोरी संकलन, समसामयिक विषयों पर लेखों का 12 संकलन, 3 कविता संकलन, चार अन्य संकलन प्रकाशित हुई हैं।
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