कांग्रेस अध्यक्ष पर नेहरू-गांधी खानदान का कब्जा? 1947 के बाद की सूची देखकर ऐसा नहीं लगता
नई दिल्ली। कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद अब राहुल युग का आगाज होने जा रहा है। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के साथ ही इस प्रक्रिया की शुरूआत भी हो गई है। जिस तरह से उनके नामांकन के खिलाफ पार्टी के किसी और नेता ने पर्चा नहीं भरा ऐसे में राहुल गांधी का पार्टी के मुखिया के तौर पर निर्विरोध निर्वाचन तय है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ किसी और नेता के मैदान में नहीं उतरने पर विपक्षी दल और खास तौर से बीजेपी ने हमलावर रुख अख्तियार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर सवाल किया है।
कांग्रेस में अब राहुल 'युग'
राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा हमला किया है। गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के ही नेता कहते हैं कि जहांगीर की जगह जब शाहजहां आए तब चुनाव हुआ? जब उनकी जगह औरंगजेब आए तब चुनाव हुआ? पीएम मोदी के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खुद मानते हैं कि कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि कुनबा है। औरंगजेब राज उनको मुबारक। हमारे लिए देश बड़ा है। हमारे लिए 125 करोड़ देशवासी यही भारत के भाग्य विधाता हैं।
राहुल की 'ताजपोशी' पर कांग्रेस के भीतर ही उठी आवाज
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस मुद्दे पर कहा कि मैं राहुल गांधी को बिना परफॉर्मेंश प्रमोशन के लिए बधाई देता हूं। ऐसे ही सेटअप में यह संभव है। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर केवल बीजेपी की ओर से ही हमले नहीं हो रहे हैं, कांग्रेस के अंदर भी इस मुद्दे पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कांग्रेस के करीबी शहजाद पूनावाला के बाद अब मणिशंकर अय्यर ने भी राहुल गांधी की ताजपोशी पर सवाल खड़े किए हैं। शहजाद पूनावाला के उठाए गए सवाल को प्रधानमंत्री मोदी ने भी गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान उठाया था।
राहुल की ताजपोशी और कांग्रेस में उठे सवाल
भले ही बीजेपी की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नेहरू-गांधी परिवार के कब्जे का मुद्दा उठाया जा रहा हो, लेकिन अगर फेहरिस्त देखें तो आजादी के बाद यानी 1947 से अब तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नेहरू-गांधी परिवार के साथ-साथ पार्टी के दूसरे नेता भी रहे हैं। 1947 में आचार्य कृपलानी कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए। इनके बाद गैर नेहरू-गांधी परिवार के पट्टाभि सीतारैम्यया 1948 और 1949 में अध्यक्ष चुने गए।
नेहरू-गांधी परिवार का ही नहीं रहा है कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कब्जा
1950 में भी गैर नेहरू-गांधी पुरुषोत्तम दास टंडन अध्यक्ष बनाए गए। उनके बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू 1951 से लगातार चार बार यानी 1952, 1953 और 1954 तक अध्यक्ष पद पर रहे। नेहरू के बाद गैर नेहरू-गांधी परिवार से आने वाले यूएन धेबर 1955 से लेकर 1959 तक अध्यक्ष रहे। उनके बाद इंदिरा गांधी भी 1959 में अध्यक्ष चुनीं गई। 1960 गैर नेहरू-गांधी परिवार से आने वाले नीलम संजीव रेड्डी अध्यक्ष चुने गए, उन्हें 1962, 1963 और 1964 में भी अध्यक्ष चुना गया। 1964, 1965 और 1966-1967 में भी कामराज को अध्यक्ष चुना गया। इनके बाद 1968 में एस. निजलिंगप्पा, 1969 पी. मेहुल, 1970 और 1971 जगजीवन राम, 1972-74 तक शंकर दयाल शर्मा, 1975-77 तक देवकांत बरुआ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। ये सभी लोग नेहरू-गांधी परिवार से नहीं थे।
सोनिया गांधी 1998 से अब तक रहीं कांग्रेस की अध्यक्ष
1978 में इंदिरा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष चुनी गई और 1983 तक इस पद पर रहीं। 1983-84 में फिर उन्हें अध्यक्ष चुना गया। 1985 से 1991 तक राजीव गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे। 1992 में फिर से नेहरू-गांधी परिवार से अलग पी.वी. नरसिंह राव को अध्यक्ष चुना गया, वो इस पद पर 1996 तक रहे। उनके बाद सीताराम केसरी 1996-98 तक कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए। 1998 में गांधी परिवार की बहू सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष चुनीं गई और अब तक वो इस पर काबिज रहीं।
1947 से अब तक कौन-कौन रहा कांग्रेस अध्यक्ष देखिए पूरी लिस्ट...
अध्यक्ष का नाम | वर्ष |
आचार्य कृपलानी | 1947 |
पट्टाभि सीतारमैया | 1948 और 1949 |
पुरुषोत्तम दास टंडन | 1950 |
जवाहर लाल नेहरू | 1951 और 1952 |
जवाहर लाल नेहरू | 1953 |
जवाहर लाल नेहरू | 1954 |
यू.एन. धेबर | 1955 |
यू.एन. धेबर | 1956 |
यू.एन. धेबर | 1957 |
यू.एन. धेबर | 1958 |
यू.एन. धेबर | 1959 |
इंदिरा गांधी | 1959 |
नीलम संजीव रेड्डी | 1960 |
नीलम संजीव रेड्डी |
1962
और
1963 |
नीलम संजीव रेड्डी | 1964 |
कामराज | 1964 |
कामराज | 1965 |
कामराज |
1966
और
1967 |
एस.
निजलिंगप्पा | 1968 |
पी.
मेहुल | 1969 |
जगजीवन
राम |
1970
और
1971 |
शंकर
दयाल
शर्मा | 1972-74 |
देवकांत
बरुआ | 1975-77 |
इंदिरा
गांधी | 1978-83 |
इंदिरा
गांधी | 1983-84 |
राजीव
गांधी | 1985-91 |
पी.वी.
नरसिंह
राव | 1992-96 |
सीताराम
केसरी | 1996-98 |
सोनिया
गांधी |
1998
से
अब
तक |